Move to Jagran APP

काफी समय से रची जा रही थी वारदात की साजिश

शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव धौकलपुर में रविवार को चाचा-भतीजे हत्या की साजिश आरोपित काफी समय से रच रहे थे लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पा रहा था। पंचायत चुनाव के दौरान अंकुर के गांव में पहुंचने पर आरोपितों को मौका मिला और वह इस हत्याकांड की साजिश रचने लगे। रविवार को मौका मिलते ही आरोपितों ने धीर सिंह और उसके भतीजे अंकुर की गोली मारकर हत्या कर दी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 10:53 PM (IST)
काफी समय से रची जा रही थी वारदात की साजिश
काफी समय से रची जा रही थी वारदात की साजिश

जेएनएन, बिजनौर। शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव धौकलपुर में रविवार को चाचा-भतीजे हत्या की साजिश आरोपित काफी समय से रच रहे थे लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पा रहा था। पंचायत चुनाव के दौरान अंकुर के गांव में पहुंचने पर आरोपितों को मौका मिला और वह इस हत्याकांड की साजिश रचने लगे। रविवार को मौका मिलते ही आरोपितों ने धीर सिंह और उसके भतीजे अंकुर की गोली मारकर हत्या कर दी।

loksabha election banner

अमन हत्याकांड में दो साल पहले अंकुर और धीर सिंह की जमानत हो गई थी। इसके बाद से अंकुर अधिकांश समय बाहर रहता था। अंकुर अब भूसा ढुलाई के लिए गांव आया हुआ था। हमलावर इसी मौके की तलाश में थे। उन्होंने वारदात की पूरी योजना तैयार कर ली और जमीन को पहले ही ठेके पर दे दिया था। बताया जाता है कि नामजद आरोपित अनुज का एक भाई आर्मी में है और चार दिन पहले ही वह गांव से ड्यूटी पर गया था। मृतक पक्ष का आरोप है कि वह भी इस साजिश में शामिल है। उसने अनुज के साथ मिलकर पूरी हत्याकांड की योजना बनाई है।

मृतक के स्वजनों का आरोप है कि रविवार सुबह से हमलावर गांव और आसपास में घूम रहे थे। उनके टारगेट पर अंकुर और धीर सिंह ही थे। चूंकि, गोली बरसाते समय उन्होंने महाराज सिंह को कुछ नहीं कहा। पहले अंकुर को निशाना बनाया। अंकुर ने भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे ट्रैक्टर के पास ही घेरकर मार दिया। वहीं धीर सिंह ने खेत में कुछ दूर तक दौड़ लगाई, लेकिन उसे भी गोली मार दी गई। जान बचाने को लगाई 50 मीटर की दौड़

धीर सिंह ने गोली चलते ही ट्रैक्टर से छलांग लगाकर भागने का प्रयास किया। लेकिन 50 मीटर दूर ही हमलावरों ने पीछा कर उसे घेर लिया और गोली मारकर हत्या कर दी। अंकुर को तीन गोली मारी गई, जिनमें एक पेट में और दो सीने में लगी हैं। वहीं धीर सिंह के एक गोली पेट और दूसरी जांघ में लगी है। बाल-बाल बच गया धीर सिंह का बेटा

जंगल में धीर सिंह का बेटा भी था। वह ट्राली भरवाने के बाद गांव के एक व्यक्ति के ट्रैक्टर पर बैठकर घर आ गया था। संभावना जताई जा रही है कि हमलावरों को उसकी भी तलाश थी, लेकिन वह उन्हें नहीं मिला। शायद वह मौके पर होता तो उसकी भी हत्या हो सकती थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.