‘हेड डाउन’ कहकर तंजील ने बचाई थी बेटा-बेटी की जान
बिजनौर, जागरण टीम। तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना अपनी बेटी जिमनिश और बेटा शहबाज के साथ शादी समारोह में शामिल होने आए थे। लौटते समय उनकी कार सहसपुर पुलिया के पास पहुंची। तभी पहले से ही मौके की तलाश में मुनीर और रैय्यान ने बाइक से पुलिया के पास ओवरटेक कर कार को रोक लिया। दोनों ने हेलमेट लगाकर तंजील के पास पहुंचे। भ्रमित करने के लिए कहा कि यू आर तंजील। इसके बाद पिस्टल निकाल ली। हमले की आशंका पर पीछे की सीट पर बैठे बेटा-बेटी को तंजील ने हेड डाउन बोलकर नीचे होने के लिए कहा, जिससे दोनों सीट के नीचे छिप गए और ताबड़तोड़ फायरिंग में बच गए। इस दौरान तंजील को कई गोली लगी। बराबर की सीट पर बैठी पत्नी फरजाना को तीन गोली लगी। पिता की सतर्कता बेटा-बेटी की जान बच गई, लेकिन खुद की जान चली गई।
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अब तक 15 लोगों को हो चुकी है फांसी
बिजनौर: जिले में तीन मामलों में फांसी की सजा सेक्शन कोर्ट से हो चुकी है। तीस जुलाई 2010 रेहड़ क्षेत्र के इब्राहीम, नदीम अहमद, शहजाद, अफताब, इकरार हुसैन और फसाद हुसैन को तत्कालीन एडीजे दिनेश चंद्र ने फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं जिला जज सुभाष बत्रा ने अफजलगढ़ गढ़वाला में पिता की हत्या के मामले में पुत्र रामकिशोर को फांसी की सजा सुनाई। इसके अलावा दस साल पूर्व हीमपुर दीपा थाना क्षेत्र के गांव सिसौना में हुए दोहरे हत्याकांड तत्कालीन एडीजे पूरन सिंह ने चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में हाईकोर्ट से बरी हो गए।
पुलिस ने गवाह की तलाश में छानी दिल्ली की खाक
तंजील हत्याकांड में पुलिस की ओर से गठित मॉनीटरिंग सेल लगातार निगरारी कर रहा था। एसपी डा. धर्मवीर सिंह ने एसपी सिटी डा. प्रवीन सिंह रंजन को लगाया था। तंजील की पत्नी की मौत इलाज के दौरान दिल्ली एम्स में हुई थी। वहीं पर पोस्टमार्टम हुआ था। इसलिए, डाक्टर की गवाही के लिए काफी समस्या आई। डॉक्टर को गवाही के लिए सिपाही को दिल्ली भेजा गया। डाक्टर का स्थानांतरण दूरी जगह होने पर उनकी पते की तलाश की गई। इसके बाद बमुश्किल तलाश के बाद डॉक्टर के बारे में जानकारी हुई।