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रबी सीजन में फसलों की बुवाई को रणनीति बनाई

नमामि गंगे परियोजना में चयनित जैविक ग्राम हेमराज खेड़की में रबी सीजन में जैविक फसलों की बुवाई के लिए रणनीति तय की गई। इस दौरान हुई गोष्ठी में जिला कृषि अधिकारी डा. अवधेश मिश्रा ने कहा कि डिमांड के मुताबिक उपचारित जैविक बीज एवं पेस्टीसाइड की पैकिग की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 11:03 AM (IST)
रबी सीजन में फसलों की बुवाई को रणनीति बनाई
रबी सीजन में फसलों की बुवाई को रणनीति बनाई

जेएनएन, बिजनौर। नमामि गंगे परियोजना में चयनित जैविक ग्राम हेमराज खेड़की में रबी सीजन में जैविक फसलों की बुवाई के लिए रणनीति तय की गई। इस दौरान हुई गोष्ठी में जिला कृषि अधिकारी डा. अवधेश मिश्रा ने कहा कि डिमांड के मुताबिक उपचारित जैविक बीज एवं पेस्टीसाइड की पैकिग की जा रही है।

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उन्होंने गोष्ठी में समीक्षा के दौरान पाया कि गांव में गठित दो समूह हैं। इन दोनों समूह से 43 किसान जुड़े हुए हैं। इन सभी किसानों ने वर्मी कंपोस्ट व तरल जैविक कीटनाशक यूनिट स्थापित की है। इस गांव में जैविक पद्धति के तहत 40 हेक्टेयर में जैविक फसल बोई गई है, इनमें से 28 हेक्टेयर में गन्ना, पांच हेक्टेयर में धान, पांच हेक्टेयर में सब्जी और दो हेक्टेयर में अन्य फसलें उगाई जा रही हैं। गोष्ठी में दोनों समूहों से जुड़े किसानों के साथ रबी सीजन में बेहतर फसलों के उत्पादन के लिए रणनीति की गई। गोष्ठी में किसानों ने सरसों की खेती करने पर जोर दिया। गोष्ठी में जिला कृषि अधिकारी डा. अवधेश मिश्र ने कहा कि विभाग के पास सरसों की नवीनतम एवं कोलेस्ट्रोल फ्री प्रजाति पूसा सरसों 31 का बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। यह बीज किसान को डिमांड के मुताबिक उपलब्ध कराने के लिए बायोपेस्टिसाइड ट्राइकोडरमा से उपचारित कर पैकिग कराई जा रही है।

उन्होंने कहा कि बायोफोर्टीफाइड गेहूं की प्रजाति डीबीडब्ल्यू-187 का बीज भी बीज पर्याप्त मात्रा में है। बायोपेस्टिसाइड से उपचारित कराकर पैकिग कराई जा रही है। गोष्ठी में शील बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक डा. जेपी शर्मा ने किसानों को जैविक उत्पादों की बिक्री के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद जिला कृषि अधिकारी ने किसान प्रदीप कुमार के खेत में खड़ी धान और परवल की फसल का निरीक्षण किया। किसान प्रदीप कुमार ने उन्हें बताया कि वह तीसरे-चौथे दिन करीब 40 से 50 किलोग्राम परवल निकल रहा है। इस परवल को वह विकास भवन परिसर स्थित जैविक उत्पाद विक्रय केंद्र पर बेच रहा है। इस दौरान जिला कृषि अधिकारी के साथ प्राविधिक सहायक मनोज कुमार, परियोजना के जिला प्रभारी लवकुश मिश्रा, समूह संचालक रजत चौधरी, कृष्ण कुमार, रंजन विश्वास, लीड रिसोर्ट पर्सन उमेश कुमा, ग्राम प्रधान पति गोविद विश्वास समेत काफी किसान मौजूद थे।


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