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रेलवे लाइन के किनारे बस गई झुग्गी बस्ती

बिजनौर जेएनएन। रेलवे प्लेटफार्म से कुछ ही दूरी पर नहटौर फाटक के पास रेलवे लाइन के किनारे झुग्गी बस्ती बस गई है लेकिन विभाग का ध्यान इस ओर नहीं जाता है। हालत यह हैं कि लाइन के किनारे तक इन बस्तियों में रहने वाले लोगों ने अपना सामान रख रखा है जिससे रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है। इतना ही नहीं इन बस्तियों के आसपास अपराधिक तत्वों का जमावड़ा भी रहता है जिससे आए दिन घटनाओं का डर बना रहता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 10:51 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 10:51 PM (IST)
रेलवे लाइन के किनारे बस गई झुग्गी बस्ती
रेलवे लाइन के किनारे बस गई झुग्गी बस्ती

रेलवे लाइन के किनारे बस गई झुग्गी बस्ती

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बिजनौर, जेएनएन। रेलवे प्लेटफार्म से कुछ ही दूरी पर नहटौर फाटक के पास रेलवे लाइन के किनारे झुग्गी बस्ती बस गई है, लेकिन विभाग का ध्यान इस ओर नहीं जाता है। हालत यह हैं कि लाइन के किनारे तक इन बस्तियों में रहने वाले लोगों ने अपना सामान रख रखा है, जिससे रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है। इतना ही नहीं इन बस्तियों के आसपास अपराधिक तत्वों का जमावड़ा भी रहता है, जिससे आए दिन घटनाओं का डर बना रहता है।

रेलवे विभाग की अनदेखी कहें या फिर सरकारी तंत्र की लापरवाही, कई स्थानों पर रेलवे की जमीन और यहां तक कि रेलवे लाइन तक अतिक्रमण पहुंच चुका है। हालत यह है कि लाइन के पास झुग्गी बस्तियां तक बस चुकी हैं। यहां रहने वाले लोगों ने लाइन के किनारे तक अपने सामान रख रखे हैं। इतना ही नहीं यहां छोटे-छोटे बच्चे और उनके पालतू जानवर भी घूमते रहते हैं। जिससे न केवल इनकी जान को खतरा है, बल्कि ट्रेनों के आवागमन में भी किसी हादसे का डर बना रहता है। धामपुर स्टेशन के पास अप लाइन पर नहटौर फाटक से मात्र सौ मीटर की दूरी पर ही यह झुग्गियां बस चुकी हैं। यहां के निवासी लोहे के औजार या गेहूं के छाज बनाने के आदि के कार्य करते हैं। रेलवे लाइन के बिल्कुल करीब होने के कारण इन्होंने अपना रोजमर्रा का सामान लाइन से मात्र कुछ फीट की दूरी तक जमा रखा है। कई सालों से यह लोग यहां जम चुके हैं, लेकिन इतना समय बीतने पर भी विभाग का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। वहीं रेलवे फाटक के आसपास फल के ठेले, रेहड़ी व खोखे आदि द्वारा अतिक्रमण तो आम बात हो गई है।

आपराधिक तत्वों का जमावड़ा:

लाइन के सहारे इन बस्तियों के आसपास देर शाम से ही आपराधिक तत्वों का जमावड़ा भी होना शुरू हो जाता है। दिन में भी यहां नशेड़ी और लाइन के सहारे खड़े भांग के पेड़ों से भांग निकालने वाले जुटे रहते हैं। कई बार यहां घटनाएं भी हो जाती हैं। हालांकि धामपुर स्टेशन पर अधिक गाड़ियों का स्टॉपेज नहीं है, जिस कारण यहां चेन पुलिग आदि की समस्या तो नहीं है, लेकिन रात के समय आपराधिक तत्वों के कारण लोग यहां जाने से कतराते हैं।

इनका कहना है :

रेलवे में सभी कार्यों के लिए अलग-अलग विभाग हैं। अतिक्रमण के खिलाफ भी अभियान चलाया जाता है। रेलवे की जमीन से संबंधित दूसरा विभाग है, उनके द्वारा की जाने वाली कार्रवाई में आरपीएफ पूरा सहयोग करती है।

- विकल चौधरी, प्रभारी, आरपीएफ चौकी, धामपुर।


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