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आठ घंटे तक थाने का घेराव, हंगामा कर गेट तोड़ा

आठ घंटे तक कालागढ़ थाने पर फतेहपुर धारा के ग्रामीणों ने हंगामा कर धरना दिया। शुरुआत में गेट तोड़कर ग्रामीण शव लेकर अंदर घुस गए। थाने पर धरना देते रहे। पुलिस की थर्ड डिग्री से मौत का मामला देहरादून और लखनऊ तक गूंजा। चूंकि मरने वाला बिजनौर निवासी था। पौड़ी हरिद्वार और बिजनौर पुलिस सुबह से लेकर शाम तक सतर्क रही। एहतियात के तौर पर गांव में रेहड पुलिस मुस्तैद रही। स्वजन का आरोप है कि सोनू की हालत बिगड़ने पर उसके मामा के सुपुर्दगी में दिया गया। तब तक उसकी हालत बिगड़ चुकी थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 05:11 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 05:11 AM (IST)
आठ घंटे तक थाने का घेराव, हंगामा कर गेट तोड़ा
आठ घंटे तक थाने का घेराव, हंगामा कर गेट तोड़ा

जेएनएन, बिजनौर। आठ घंटे तक कालागढ़ थाने पर फतेहपुर धारा के ग्रामीणों ने हंगामा कर धरना दिया। शुरुआत में गेट तोड़कर ग्रामीण शव लेकर अंदर घुस गए। थाने पर धरना देते रहे। पुलिस की थर्ड डिग्री से मौत का मामला देहरादून और लखनऊ तक गूंजा। चूंकि मरने वाला बिजनौर निवासी था। पौड़ी, हरिद्वार और बिजनौर पुलिस सुबह से लेकर शाम तक सतर्क रही। एहतियात के तौर पर गांव में रेहड पुलिस मुस्तैद रही। स्वजन का आरोप है कि सोनू की हालत बिगड़ने पर उसके मामा के सुपुर्दगी में दिया गया। तब तक उसकी हालत बिगड़ चुकी थी।

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रेहड़ थाना क्षेत्र के गांव फतेहपुर धारा का सोनू सैनी अस्थाई रूप से वन वाचर का काम करता था। उसे पता नहीं था कि यह काम उसके लिए मौत की वजह बन जाएगा। राइफल चोरी के मामले में पुलिस से लगातार परेशान कर रही थी। स्वजन का आरोप है कि बार-बार बुलाकर टॉर्चर किया जाता था। गुरुवार को उसे बुलाकर थर्ड डिग्री की गई। जब हालत बिगड़ गई, तो तत्काल उसके मामा को बुलाकर सुपुर्द कर दिया। घर पहुंचते ही उसकी हालत बिगड़ती गई। स्वजन भागदौड़ कर उसे अफजलगढ़ लाए। यहां से उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस की ज्यादती पर स्वजन और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। स्वजन शव को बिना पोस्टमार्टम के उठाकर सीधे कालागढ़ थाने पर ले गए। गुस्साई भीड़ थाने का गेट तोड़कर अंदर घुस गई। थाने में शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस से तीखी- नोकझोंक हुई। कई बार पुलिस ने फटकार लगाई, लेकिन ग्रामीण कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। बढ़ापुर भाजपा विधायक सुशांत सिंह और अन्य नेता कालागढ़ थाने पहुंच गए। करीब आठ घंटे तक चले हंगामे के बाद प्रशासन से वार्ता की गई। पीड़ित पक्ष की शर्तों पर हामी भरने के बाद थाने से धरना उठा। इस दौरान हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल की पुलिस मौजूद रही। अफसरों के फोन घनघनाते रहे। एसपी बिजनौर धर्मवीर सिंह ने इस संबंध में पीड़ित पक्ष से बातचीत की। पौड़ी के अफसरों से घटना की जानकारी ली। गांव में भी रेहड़ पुलिस तैनात रही। पुलिस की थर्ड डिग्री से मौत का मामला देहरादून तक पहुंचा। लखनऊ से भी जानकारी ली गई।


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