कांवड़ यात्रा को लेकर असहज हैं शिवभक्त
बिजनौर जेएनएन। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सावन मास की कांवड़ यात्रा
बिजनौर, जेएनएन। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए सावन मास की कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड में एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। ज्यादातर स्थानीय शिवभक्तों का कहना है कि संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को सावन मास की कांवड़ यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए। वहीं कुछ शिवभक्तों का यह भी कहना है कि कांवड़ यात्रा आस्था से जुड़ी हुई है। इसलिए भीड़भाड़ से बचकर और कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए आस्था से जुड़ी श्रावण कांवड़ यात्रा को संपन्न कराया जाना चाहिए। कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। बोले श्रद्धालु
कोरोना संक्रमण को देखते हुए कांवड़ यात्रा स्थगित करना ही उचित निर्णय है। जनस्वास्थ्य को देखते हुए ऐसा करना जरूरी हो गया है।
-अमित गुप्ता कांवड़ यात्रा आस्था से जुड़ी है। यात्रा पर रोक नहीं होनी चाहिए। गाइड लाइन के अनुसार शिवभक्तों को जल लाने की अनुमति मिलनी चाहिए।
-नवनीत आर्य कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की संभावना है। शिवभक्तों को घर पर ही जलाभिषेक करना चाहिए और कांवड़ यात्रा स्थगित होनी चाहिए।
-मुकेश आर्य कांवड़ में गंगाजल लाने पर रोक नहीं होनी चाहिए। ज्यादा भीड़भाड़ से बचने के लिए नियम तय करते हुए कांवड़ लाने की अनुमति दी जाए।
-योगेंद्र प्रजापति कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार घर पर ही जलाभिषेक करना चाहिए। जिदगी रहेगी तो अगली बार फिर जल लाने का मौका मिलेगा।
-बंटी प्रजापति प्रदेश में अभी भी कोरोना संक्रमण के मामले मिल रहें है। इसलिए इस बार श्रावण कांवड़ यात्रा स्थगित होनी चाहिए।
-श्याम सिंह कश्यप