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समाज को संगठित करना चाहता है संघ :अलोक

बिजनौर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक अलोक ने कहा है कि संघ समाज को संगठित करना चाहता

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 10:11 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 10:11 PM (IST)
समाज को संगठित करना चाहता है संघ :अलोक
समाज को संगठित करना चाहता है संघ :अलोक

बिजनौर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक अलोक ने कहा है कि संघ समाज को संगठित करना चाहता है, किसी से भेदभाव का व्यवहार नहीं करता और सभी से विचार की समानता रखता है। उन्होंने नागपुर में आयोजित संघ के शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष में पूर्व राष्ट्रपति को आमंत्रित करने का उदाहरण भी दिया।

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विवेक कॉलेज में चल रहे आरएसएस के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष सामान्य के समापन में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए अलोक ने कहा कि संघ के सभी कार्य अनुशासन, समय एंव व्यवस्थित होते हैं। ऐसी प्रतिबद्धता का पालन पूरे देश में आना चाहिए। व्यवस्था परिवर्तन के लिये संघ के स्वयंसेवक 42 संगठनों में कार्य कर रहे हैं। आज देश में संघ के स्वयंसेवक बिना सरकारी सहायता के पौने दो लाख सेवा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के पिछड़े वर्ग में काम कर रहे हैं। संघ यह भी चाहता है कि हिन्दू समाज में जो दुर्गुण है वह खत्म होना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर्य उप प्रतिनिधि सभा बिजनौर के प्रधान विजय कुमार गोयल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वर्गाधिकारी करण ¨सह व संचालन वर्ग कार्यवाह सेवादास ने किया। समापन समारोह में अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डा.दिनेश, क्षेत्र धर्म जागरण प्रमुख ईश्वर दयाल, क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख आनन्द, प्रान्त प्रचारक धनीराम, सह प्रान्त प्रचारक कर्मवीर, विभाग प्रचार प्रमुख मंयक मयूर, विभाग प्रचार राजकुमार, जिला प्रचार सचिन, नगर प्रचारक अभिनव, जिला कार्यवाह ललित, जिला संघचालक सुभाष, सह जिला कार्यवाह सुनील, जिला प्रचार प्रमुख अजय, नगर प्रचार प्रमुख देवेन्द्र चीनू आदि उपस्थित रहे। कौशलों का प्रदर्शन किया

संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के समापन समारोह में संघ की ²ष्टि से आठ जिलों के 164 स्थानों से शामिल 244 शिक्षार्थियों ने शारीरिक प्रदर्शन किया। शिक्षार्थियों ने निरुद्ध, डंड, योग व्यायाम, कदमताल का प्रदर्शन किया। 21 दिनों तक चले वर्ग में शिक्षार्थियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिये 30 शिक्षकों के कंधों पर जिम्मेदारी रही। साथ ही वर्ग की व्यवस्थाओं के लिये करीब 70 स्वयंसेवकों को लगाया गया था। वर्ग में वर्ग बौद्धिक प्रमुख प्रीतम, वर्ग मुख्य शिक्षक रोहित, वर्ग पालक कर्मवीर ने शिक्षार्थियों समय-समय पर वर्ग में अनुशासन से रखने में अहम भूमिका निभाई।


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