ब्राह्मणों की अमूल्य निधि हैं संस्कार और संस्कृति
जेएनएन बिजनौर महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर नारनौर में ब्राह्मण सम्मेलन का अ
जेएनएन, बिजनौर : महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर नारनौर में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि आइपीएस पंडित जुगल किशोर तिवारी ने कहा कि ब्राह्मण समाज के लिए संस्कार और संस्कृति ही उसकी निधि है। वहीं, उन्होंने पंडित मालवीय के जीवन से सीख लेने का आह्वान किया।
एसआरके शिक्षा संस्थान में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित मालवीय के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। उसके बाद मुख्य अतिथि ने कहा कि ब्राह्मण त्यागी एवं निर्लोंभी होता है। धर्म को ही अपना कर्तव्य मानते हुए ब्राह्मण को बिना ऊंच-नीच के भेद किए कार्य करना चाहिए। ब्राह्मण का कर्तव्य है विद्या अध्ययन करना व कराना। उसके बाद उन्होंने पंडित मालवीय के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उन्होंने समाज को शिक्षित करने के लिए अच्छी बुरी बातें सहकर काशी हिदू विश्वविद्यालय की स्थापना की। उनका सपना था कि देश के हर वर्ग का बालक शिक्षित हो। शिक्षा दान से बड़ा कोई दान नहीं है। समाज शिक्षित होगा तो देश उन्नति कर सकता है। विशिष्ट अतिथि पंडित अधीर कौशिक व पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने विचार रखे। उसके बाद मुख्य अतिथि के अलावा लक्ष्मी निवास मिश्र एसपी सिटी बिजनौर व महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरि के अलावा अन्य अतिथियों को अंग वस्त्र, रुद्राक्ष माला भेंट की गई। कार्यक्रम से पूर्व हवन यज्ञ भी हुआ। कार्य क्रम का संचालन अजय कुमार कौशिक व लोकेश भारद्वाज ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में योगेश शर्मा, कामेश्वर शर्मा, पं पातीराम शर्मा, डा. नंद कुमार पांडे, बृजेश कौशिक, जगत शर्मा, डा. सत्येंद्र शर्मा, अनिल शर्मा आदि शामिल रहे।