जनजागरण अभियान से खुलना शुरू हुईं मलबे में दबीं नालियां
ग्राम पंचायत जालबपुर गूदड़ के नवविकसित क्षेत्र में बंद पड़ी नालियां खोलने का अभियान चलाया गया। जिससे गांव की कूड़े में दबी गलियां चमचमा उठी।
जेएनएन, बिजनौर। ग्राम पंचायत जालबपुर गूदड़ के नवविकसित क्षेत्र में बंद पड़ी नालियां खोलने का अभियान शुरू होने से क्षेत्रवासियों के चेहरे खिल उठे। स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज की स्थापना की शुरुआत खुद से करने का आह्वान किया गया। हर किसी ने दैनिक जागरण के जनजागरण अभियान की प्रशंसा की।
स्वच्छ रहें, स्वस्थ रहें.. अभियान के अंतर्गत दैनिक जागरण की ओर से नगर से सटी सघन आबादी वाली ग्राम पंचायत जालबपुर गूदड़ में स्वच्छता एवं जागरुकता अभियान चलाया गया। दरियापुर संपर्क मार्ग से सटे नवविकसित क्षेत्र में हालांकि स्वच्छ वातावरण मिला, लेकिन गंदे पानी की निकासी अवरुद्ध होने की समस्या सामने आई। ग्रामीणों धर्मवती, बेगराज सिंह ने बताया कि क्षेत्र में कच्ची-पक्की नालियां हैं। कुछ जगहों पर टूटी नालियों से गंदा पानी खाली प्लाट में भर रहा है। जबकि कुछ जगह कच्ची नालियों में गंदा पानी हर समय सड़ता रहता है। ग्रामीण नेतराम सिंह ने बताया कि अपने भवनों को खूबसूरती से बनाने वाले कुछ लोगों ने गली के अन्य घरों के गंदे पानी की निकासी की परवाह न कर अपनी सुविधा को देखते हुए नाली बना ली है। जिससे गंदे पानी की निकासी की समस्या विकट हो गई है। ग्राम प्रधान पति हिमांशु राजपूत ने मलबे में दबीं नालियों को खुलवाना शुरू किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की दो गलियों में एक सिरे से दूसरे सिरे तक अवरुद्ध नाली को खुलवाया जाएगा। उन्होंने लोगों से घर के भीतर सफाई के साथ साथ घर के बाहर भी स्वच्छता का ध्यान रखने की अपील की। ऊषा, अनुराग, नकुल, प्रताप आदि ग्रामीण मौजूद रहे। -बंद नालियां खुल जाएंगी और कुछ समय के बाद उनकी सफाई होती रहेगी, तो काफी हद तक समस्या का निराकरण हो जाएगा। अपने-अपने घर के बाहर की सफाई भी हमें समाज में अलग पहचान दिलाएगी। -बेगराज सिंह, ग्रामीण -कुछ अच्छा करने के लिए आपसी तालमेल बनाना बहुत जरूरी होता है। जिस तरह हम सुख-दुख में पड़ोसी के काम आते हैं, उसकी तरह की योजना अपनी गली को स्वच्छ करने के लिए बनानी होगी। -मोहित कुमार, ग्रामीण -अब तक मैं अपने घर के भीतर और बाहर ही सफाई करती थी। मेरे घर से निकलने वाला गंदा पानी रास्ते में अवरुद्ध होने से विकट समस्या बन रहा है, इस पर ध्यान नहीं दिया। सुधार होना चाहिए। -धर्मवती, ग्रामीण -मैं और मेरे साथी युवक एक टीम तैयार कर रहे हैं। आवासीय क्षेत्र के आसपास स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए रोजाना थोड़ा-बहुत समय देकर श्रमदान करेंगे और दूसरों के लिए मिसाल बनेंगे।
-अनुज, ग्रामीण।