फोरलेन के ट्रैक पर सरपट दौड़ा बिजनौर, हाईवे के गड्ढे में बैठे यमराज
बिजनौर केंद्र सरकार के पांच साल के कार्यकाल में जिले को तीन फोरलेन सड़कों का तोहफा मिला है। एक फोरलेन पर तेजी से कार्य चल रहा है जबकि दो स्वीकृति होने के बाद प्रक्रिया में हैं। फोरलेन की इस उपलब्धि को हाईवे के गड्ढे मुंह चिढ़ा रहे हैं। बिजनौर व नगीना संसदीय क्षेत्र में हाईवे पर बने गड्ढों में बैठे यमराज कई को मौत की आगोश में भर चुके हैं।
बिजनौर : केंद्र सरकार के पांच साल के कार्यकाल में जिले को तीन फोरलेन सड़कों का तोहफा मिला है। एक फोरलेन पर तेजी से कार्य चल रहा है, जबकि दो स्वीकृति होने के बाद प्रक्रिया में हैं। फोरलेन की इस उपलब्धि को हाईवे के गड्ढे मुंह चिढ़ा रहे हैं। बिजनौर व नगीना संसदीय क्षेत्र में हाईवे पर बने गड्ढों में बैठे यमराज कई को मौत की आगोश में भर चुके हैं। आए दिन दोपहिया व चार पहिया वाहन सवार इन गड्ढों में गिरकर जान गंवा रहे हैं। खूनी सड़कें रोजाना जान ले रही हैं। प्रदेश सरकार के गड्ढा मुक्ति आदेश को डेढ़ साल बीत गए, लेकिन गड्ढे नहीं भरे। तीर्थनगरी हरिद्वार को जाने वाला हाईवे सबसे बदहाल है। नजीबाबाद से किरतपुर तक हाईवे भी गड्ढों में तब्दील है। वहीं संपर्क मार्गो चांदपुर-हल्दौर व नहटौर-चांदपुर, धामपुर-नहटौर पर चलना मुश्किल है। जनता के लिए मुसीबत बने सड़कों में गड्ढे होने के बावजूद जनप्रतिनिधियों ने सुध नहीं ली। तीन फोरलेन की सौगात
उत्तराखंड सीमा पर बसा बिजनौर में पहले से ही दिल्ली-कोटद्वार (उत्तराखंड) और नैनीताल-हरिद्वार हाईवे है, जो नजीबाबाद में एक दूसरे क्रास करते हैं। भाजपा सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन विभाग ने पहले नैनीताल-हरिद्वार हाईवे को फोरलेन घोषित किया। पिछले दो साल से उक्त मार्ग पर कार्य चल रहा है। करीब 170 किमी 3500 करोड़ से अधिक की लागत से बन रहा है। अभी एक साल पहले भूतल मंत्रालय ने दिल्ली-कोटद्वार हाईवे के मेरठ से नजीबाबाद तक 100 किमी फोरलेन की मंजूरी दे दी है। करीब एक सौ करोड़ का जमीन का मुआवजा भी बंट गया है। इसका भी कार्य चुनाव बाद शुरू होने वाला है। अभी हाल ही में पानीपत-कोतवाली देहात फोरलेन को मंजूरी दे दी है। तीनों फोरलेन एक दूसरे को जोड़ेंगे। तीर्थनगरी हरिद्वार की राह में गड्ढे ही गड्ढे
देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु बिजनौर जनपद के धामपुर-नगीना-नजीबाबाद होते हुए उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश व देहरादून पहुंचते हैं। इस समय सबसे खराब स्थिति नगीना संसदीय क्षेत्र में नजीबाबाद-मंडावली-भागूवाला हाईवे की है। साहनपुर कस्बे में हाईवे का अता-पता नहीं है। केवल गड्ढे ही गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान भी सरकार ने गड्ढों पर गौर नहीं किया। हाईवे पर उड़ती धूल से राहगीनों का चलना मुश्किल है। आचार संहिता से पहले किया 'हवाई' शिलान्यास
चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले मंत्रियों ने आनन-फानन में हवाई शिलान्यास कर दिया। लोक निर्माण विभाग से जिले में 23 कार्यो का शिलान्यास किया गया। करीब 32 किमी लंबाई के कार्यो की लागत 740.32 लाख आएगी। इनमें अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें हैं।
इसी दिन एनएचएआइ ने जिले के पांच कार्यो के डीपीआर बनाने का शुभारंभ किया। डीपीआर बनाने का शुभारंभ पहली बार हैरान करने वाला है। इनमें बिजनौर-मंडावर-मंडावली, बदायूं-बिजनौर, कोतवाली-नहटौर-नूरपुर-अमरोहा-जोया, गजरौला-चांदपुर-नूरपुर-धामपुर व पुरकाजी-लक्सर-हरिद्वार फोरलेन बनाने का डीपीआर तैयार करने का शुभारंभ पिछले दिनों किया गया। इन मार्गो की लंबाई 327 किमी और लागत 7194 करोड़ है। अभी इन सड़कों को गति बनने में करीब पांच साल से कम का वक्त नहीं लगेगा। बोले, नेता
केंद्र व प्रदेश सरकार ने जिले में फोरलेन की सड़कों का जाल बिछाया है। अधिकांश सड़कें फोरलेन हो जाएगी। अन्य सड़कें भी दुरुस्त हो गई है। आज तक किसी दूसरी सरकार ने इतने सड़कों का विकास नहीं किया।
राजीव सिसौदिया, जिलाध्यक्ष भाजपा
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मुख्यमंत्री का गड्ढामुक्ति आदेश हवाई घोषणा साबित हुआ। जिले की कई सड़कें काफी खराब सड़कों पर चलना दूभर हो रहा है। गड्ढे में गिरकर आए दिन लोग जान गंवा रहे हैं।
अनिल यादव, जिलाध्यक्ष सपा
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- किरतपुर से नजीबाबाद हाईवे
- बिजनौर-नगीना
- हल्दौर-चांदपुर
- नहटौर-चांदपुर बिजनौर संसदीय क्षेत्र को मिले फोरलेन
मेरठ-बिजनौर-नजीबाबाद
पानीपत-बिजनौर-कोतवाली देहात (नगीना) नगीना संसदीय क्षेत्र के फोरलेन
- काशीपुर-धामपुर-नगीना-हरिद्वार