मौसम की मार के आगे ध्वस्त हुई विद्युत आपूर्ति
एक तरफ बढ़ता पारा तो दूसरी और रंग बदलता मौसम। इससे बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो रही है। घंटों तक आपूर्ति ठप रहने से विभाग का शेड्यूल कागजी बन चुका है। हाल के दिनों में तो बिजली कटौती का सिलसिला पांच से छह घंटों तक पहुंच रहा है। इससे जनता परेशान हो रही है। उधर देहात क्षेत्र में भी बिजली व्यवस्था पूरी तरह धड़ाम हो रही है।
जेएनएन, बिजनौर। एक तरफ बढ़ता पारा तो दूसरी और रंग बदलता मौसम। इससे बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो रही है। घंटों तक आपूर्ति ठप रहने से विभाग का शेड्यूल कागजी बन चुका है। हाल के दिनों में तो बिजली कटौती का सिलसिला पांच से छह घंटों तक पहुंच रहा है। इससे जनता परेशान हो रही है। उधर, देहात क्षेत्र में भी बिजली व्यवस्था पूरी तरह धड़ाम हो रही है।
मई माह चल रहा है और गर्मी भी तेवर दिखा रही है। पिछले दिनों तापमान बढ़ने से अघोषित कटौती का खेल शुरू हो गया था। बिजलीघरों पर लोड बढ़ने के चलते कंट्रोल से कटौती कराई जा रही है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो शहरी क्षेत्र में 21 घंटे आपूर्ति दिए जाने का शेड्यूल है तो देहात में 18 घंटे का। जबकि, हकीकत कुछ ओर ही दिखाई दे रही है। गांव में तो सात से आठ घंटे तो शहर में चार से पांच घंटे कटौती हो रही है। उधर, पिछले तीन चार दिनों से मौसम रंग बदल रहा है। तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। जिससे जगह-जगह पेड़ और लाइन टूट रही है। उसके बाद आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो जाती है। रविवार रात भी ऐसा ही कुछ हुआ, जिससे रात भर बिजली ठप रही और दिन में कटौती होती रही। आंधी के चलते कई जगह लाइन भी टूटकर गिर गई। गांव में तो कई जगह यह हालात रहे। अधिशासी अभियंता अजय कुमार का कहना है कि मौसम खराब होने से परेशानी बढ़ रही है। जबकि, तापमान बढ़ने से 132 केवीए बिजलीघर का लोड बढ़ने पर कंट्रोल द्वारा कटौती कराई जा रही है। उधर, रतनगढ़ क्षेत्र में रविवार देर रात्रि आंधी व बारिश के चलते करीब एक दर्जन से भी अधिक गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित रही। इनमें कई जगह तार टूटने की भी शिकायत मिली है। गांव रामोरूपपुर, सीमला, शहवाजपुर, हीमपुर पृथ्या, हैजरपुर भट्ट, नैनू नांगल, लावदीपुर, सुनगढ़, धारूपुर, उमरा बुजुर्ग सहित एक दर्जन से भी अधिक गांवों में पूरी रात बिजली गुल रही।