कान्हा को भोग लगाकर की सुख-समृद्धि की कामना
बिजनौर जेएनएन। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर गायत्री शक्तिपीठ सहित श्रद्धालुओं ने घर पर ही रामडोल स
बिजनौर, जेएनएन। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर गायत्री शक्तिपीठ सहित श्रद्धालुओं ने घर पर ही रामडोल सजाए। भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाकर श्रद्धालुओं ने सुख-समृद्धि की कामना की। डॉ. दीपक कुमार ने कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए घरों पर ही पूजा-अर्चना करने की सलाह दी।
शांतिकुंज के जोनल कार्यालय गायत्री शक्तिपीठ पर व्यवस्थापक डॉ. दीपक कुमार, हरीश शर्मा ने रामडोल सजाकर पूजा-अर्चना के बीच भगवान श्रीकृष्ण को विराजमान किया। श्रद्धालुओं ने लड्डू गोपाल को भोग लगाकर झूला-झुलाया। इस अवसर पर कमल शर्मा, जितेंद्र सिंह, नीलम बरनवाल ने भगवान श्रीकृष्ण की आरती उतारी। डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति में भगवान राम और कृष्ण सूर्य और चंद्रमा के समान हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए घरों में पूजा-अर्चना करने की अपील की।
घर पर सजाए रामडोल
कोरोना वायरस के धार्मिक उत्सवों पर ग्रहण लगाने के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति में कोई कमी नजर नहीं आई। कोरोना संकट को देखते हुए अधिकांश श्रद्धालुओं ने घर पर ही भगवान श्रीकृष्ण के रामडोल को सजाया। लड्डू गोपाल को भोग लगाकर झूला-झुलाया। भगवान कृष्ण के भक्ति गीत और जयकार सुनाई दिए।
कृष्ण की पोशाक खरीदी
कृष्णा जन्माष्टमी पर भले ही मंदिरों पर भगवान श्रीकृष्ण की झांकियों को इस बार आयोजन नहीं हुआ। फिर भी श्रद्धालुओं ने अपने अबोध बच्चों के लिए श्रीकृष्ण और राधा रानी की पोशाक खरीदी। भगवान श्रीकृष्ण का विशेष श्रृंगार करने के लिए मोर मुकुट सहित आदि सामान की भी खरीदारी की।
कन्हैया रहे आकर्षण का केंद्र
भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप दर्शन के लिए श्रद्धालुओं ने अपने अबोध बच्चों को सजाया। सिर पर मोर मुकुट, हाथ में वंशी और पीतांबर वस्त्र धारण कर धन्नाषी, विनायक, निकुंज, पूनिमा, आदित्य, सोनू, नानू आदि बच्चों कन्हैया के रूप में आकर्षण का केंद्र रहे। हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की.. के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं ने कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया।