जनपद में पहली बार होगी खरीफ में प्याज की खेती
किसानों की आय को दोगुना करने में शासन प्रयासरत है। अब खरीफ में प्याज की खेती का प्रयास उद्यान विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में सीडीओ केपी सिंह ने शुक्रवार को किसानों को प्याज की बुआई करने को प्रजाति लाइन-883 प्याज बीज किट का वितरण किया।
जेएनएन, बिजनौर। किसानों की आय को दोगुना करने में शासन प्रयासरत है। अब खरीफ में प्याज की खेती का प्रयास उद्यान विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में सीडीओ केपी सिंह ने शुक्रवार को किसानों को प्याज की बुआई करने को प्रजाति लाइन-883 प्याज बीज किट का वितरण किया।
मुख्य विकास अधिकारी केपी सिंह ने किसानों से विभागों की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने की अपील की। उद्यान विभाग द्वारा बागवानी, शाकभाजी, मसाला एवं फूलों की खेती पर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत नियमानुसार अनुदान दिया जाता है। इसी के अंतर्गत प्याज की खेती करने पर 12000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान की व्यवस्था है। जिला उद्यान अधिकारी जितेन्द्र कुमार ने बताया कि वितरित की गई प्याज की प्रजाति लाइन-883 है, जो उच्च उत्पादकता के साथ साथ खरीफ के लिए उपयुक्त है। कहा कि खरी़फ की बुआई के लिए प्याज की पौध 40 से 45 दिन में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है। इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी जितेन्द्र कुमार, जिला कृषि अधिकारी डा. अवधेश मिश्रा, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी डा. हरेन्द्र सिंह आदि विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे। ऐसे करें प्याज की नर्सरी तैयार
जिला उद्यान अधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा कि प्याज की खेती में पौधशाला प्रबंधन एवं रोपाई का विशेष महत्व है। कहा कि एक हेक्टेयर में रोपाई के लिए 0.1 हेक्टेयर क्षेत्र की पौधशाला पर्याप्त होती है। खेत की चार से पांच बार जुताई करके भुरभुरी बना लें। आखिरी जुताई के दौरान 0.1 हेक्टेयर में एक टन गोबर की खाद अच्छी तरह मिला लें। क्यारियां एक मीटर चौड़ी एवं 10 से 15 सेंटीमीटर ऊंची बनाएं। बीज को एक सेंटीमीटर की दूरी पर कतार में बोया जाना चाहिए, जिससे निराई गुड़ाई में आसानी होती रहे।