नालों की सफाई पर बहाया धन, फिर भी अवरुद्ध है जल निकासी
चांदपुर-बिजनौर बाइपास के आसपास की हालत बेहद खराब है। बारिश के बाद मार्ग पर भारी जलभराव होना और वहां बने गड्ढों की गहराई लगातार बढ़ना बड़ी समस्या बनती जा रही है। यदि इसके पीछे का कारण देखा जाए तो नालों से पानी की निकासी अवरुद्ध होना है। कहीं नाले टूटे हुए हैं तो कहीं उल्टी दिशा में पानी बह रहा है।
जेएनएन, बिजनौर। चांदपुर-बिजनौर बाइपास के आसपास की हालत बेहद खराब है। बारिश के बाद मार्ग पर भारी जलभराव होना और वहां बने गड्ढों की गहराई लगातार बढ़ना बड़ी समस्या बनती जा रही है। यदि इसके पीछे का कारण देखा जाए तो नालों से पानी की निकासी अवरुद्ध होना है। कहीं नाले टूटे हुए हैं तो कहीं उल्टी दिशा में पानी बह रहा है। इससे स्थानीय लोगों की दिक्कतें लगातार बढ़ रही हैं। पालिका प्रशासन इसका विकल्प तलाशने में नाकाम साबित हो रहा है। जिससे हर दिन समस्या और बढ़ती जा रही है।
जागरण आपके द्वार अभियान के तहत मंगलवार को 'दैनिक जागरण' की टीम बिजनौर बाइपास एरिया का जायजा लेने पहुंची। स्थानीय लोगों ने यहां की बदहाल स्थिति को देखकर अपना दर्द बयां किया। आसपास के नालों की दुर्दशा से यह पता चल रहा था कि पालिका प्रशासन बेसुध है। लोगों का कहना था कि बरसात से पूर्व नालों की सफाई के लिए लाखों रुपये बहाए गए। नालों की सफाई भी हुई, लेकिन निकासी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो सकी। बरसात के बाद हालात यह हुए कि नालों का पानी सड़क पर उतरकर लोगों के प्रतिष्ठानों तक में भर गया। बाइपास मार्ग पर नाले भी मानक अनुरूप नहीं बने हैं। कहीं नाला की निकासी उल्टी दिशा में है तो कहीं नालों का ही पता नहीं चल रहा है। जिसके चलते पानी आसपास फैल रहा है और संक्रामक रोगों को दावत दे रहा है। सड़क हाल भी बहुत बुरा हो चुका है। हर दिन सड़क में बने गड्ढों की गहराई बढ़ रही है। जिससे स्थानीय लोगों का हाल बेहाल है।
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वर्षों से इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है। सड़क बनने से पूर्व नालों की निकासी के लिए ठोस प्रबंध होना जरूरी है। अन्यथा यह समस्या बढ़ती जाएगी। पालिका प्रशासन इस समस्या से निजात दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है।
-लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, स्थानीय नागरिक।
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यहां पर स्थिति यह है कि नाले की ऊंचाई सड़क से ऊंची है। बरसात में नाले ओवरफ्लो हो जाते हैं और पानी सड़क पर बहता है। जिसके चलते आसपास के दुकानदारों व यहां रहने वाले लोगों को परेशानी से जूझना पड़ता है। इस बार तो हालत बहुत ही खराब है।
-विपिन विश्वकर्मा, व्यापारी।
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समय के साथ यहां आबादी बढ़ी है। पानी निकासी की व्यवस्था भी गड़बड़ाई है। सड़क नालों से ऊंची है। वहीं, कहीं पर भी नालों की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते बरसात के बाद नालों का पानी सड़क के साथ दुकानों में भर जाता है। जिससे व्यापार पर भी प्रभाव पड़ता है।
-सुनील कुमार, दुकानदार।
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बाइपास पर कई किलोमीटर की दूरी तक नाला तो बना हुआ है, लेकिन उसकी निकासी किधर होनी है। यह पालिका को भी जानकारी नहीं है। इसी का नतीजा है आसपास के लोगों को उनकी लापरवाही का दंश झेलना पड़ रहा है।
-मोहम्मद शमशेर, स्थानीय नागरिक।
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