खेतों में कर दी प्लाटिग, सुविधाओं की दरकार
जेएनएन बिजनौर बिना मानचित्र स्वीकृत कराए जिले के शहरी क्षेत्रों में कालोनियां विकसित की जा
जेएनएन, बिजनौर : बिना मानचित्र स्वीकृत कराए जिले के शहरी क्षेत्रों में कालोनियां विकसित की जा रही हैं। इन कालोनियों में न तो ड्रेनेज सिस्टम हैं और न ही पीने के पानी के लिए अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाई गई है। इन कालोनियों में विद्युत कनेक्शन हासिल करने के लिए प्लाट खरीद कर मकान बनाने का सपना देखने वालों को बिजली विभाग में चक्कर काटने पड़ते हैं।
जनपद की बिजनौर, नजीबाबाद, नगीना, धामपुर और चांदपुर एसडीएम की देखरेख में नियत प्राधिकारी/विनियमित क्षेत्र कार्यालय में आवासीय भवनों के मानचित्र और कालोनियों के लेआउट स्वीकृत करने की व्यवस्था की गई है। जरूरत पड़ने पर एक निर्धारित सीमा के बाद लेआउट स्वीकृत कराने के लिए मास्टर प्लानर के कार्यालय मुरादाबाद को भेजा जाता है, कितु इस सबके बावजूद लोगों में अधिकांश स्थानों पर बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था कराए बिना खेतों में प्लाटिग किए जाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इन कालोनियों में ना तो बेहतर सिस्टम है और ना ही पीने के पानी के लिए पाइप लाइन बिछवाई जाती है। वहीं विद्युत लाइन में करंट ना होने की वजह से लोग बिजली का कनेक्शन लेने के लिए बिजली विभाग के कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है।
सूत्रों की मानें तो जनपद की सभी 18 निकायों में प्लाटिग करने के साथ-साथ मार्केट बनाए जा रहे हैं, कितु प्रशासनिक स्तर नई कालोनियों और मार्केट पर निगाह रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। बताते हैं कि अकेले बिजनौर विनियमित क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक कालोनियों के मानचित्र स्वीकृति हुए हैं अथवा नहीं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि तहसील सदर प्रशासन ने कई माह पहले रिग रोड पर स्थित एक अवैध कालोनी में निर्माणाधीन भवनों को गिरवा दिया था। वहीं कई अन्य अवैध कालोनियों को नियमित कराने के लिए संबंधित कालोनाइजर को नोटिस दिए गए हैं। उधर, एसडीएम सदर विक्रमादित्य मलिक का कहना है कि विनियमित क्षेत्र बिजनौर में विकसित की जा रही कालोनियों की जांच कराई जा रही है। यदि जांच में कोई कालोनी अवैध मिलती है, तो विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।