सिस्टम की मिलीभगत से धधकती हैं अवैध शराब की भट्ठियां
जेएनएन बिजनौर। सिस्टम की मिलीभगत से जिले में भी अवैध शराब की भट्ठियां धधकती है। डेढ़ दश
जेएनएन, बिजनौर। सिस्टम की मिलीभगत से जिले में भी अवैध शराब की भट्ठियां धधकती है। डेढ़ दशक में जहरीली शराब पीने से जनपद में भी दर्जन भर से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं। हालांकि मौत के आंकड़े ज्यादा हैं, जिनमें कार्रवाई के बजाय लीपापोती की गई है। अवैध शराब को लेकर छापेमारी की जाती है, लेकिन खादर के इलाकों में धधक रही मौत की भट्ठियों पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लगाया जा सका है।
बुलंदशहर में जहरीली शराब का कहर सुर्खियों में है। बिजनौर में भी साल दर साल शराब के सेवन से मौत होने की सूचनाएं मिलती रहती हैं। मंडावर थाना क्षेत्र के चंदोक गांव में 2005 में बीडीसी चुनाव की शराब ने पप्पू, चमन, नीटू, जबर सिंह, गरखी और केसरी आदि आधा दर्जन लोगों को मौत की नींद सुला दिया था और 25 से ज्यादा लोग बेहद नाजुक हालत में काल के गाल से बचाए गए थे। उसी दौरान धामपुर व शेरकोट में भी अलग-अलग सात लोगों व अन्य थाना क्षेत्र में में दो लोगों की जहरीली शराब से मौत की बात सामने आई थी, लेकिन कहीं दबाव में परिजनों के पीछे हट जाने तो कहीं अन्य कारणों से पुलिस कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अगस्त 2018 में स्योहारा थाना क्षेत्र में ओमराज निवासी दिनदारपुर, जितेन्द्र सिंह, जुगनू कुमार निवासी दिनदारपुर और बिटटू निवासी मिश्री बेगमपुर थाना कांठ ने स्वतंत्रता दिवस पर शराब का सेवन किया था। मुरादाबाद ले जाते हुए ओमराज की मौत हो गई थी। जहरीली या नकली शराब में कार्रवाई नहीं हुई थी। इससे पूर्व अक्तूबर 2015 में गोहावर एवं राजा का ताजपुर के बीच स्थित नूरपुर थाने के एक गांव में 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। उसकी मौत जिला पंचायत सदस्य पद के एक दावेदार द्वारा बांटी गई शराब का सेवन करने से होना सामने आया था, लेकिन परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया था। इन 15 सालों के दौरान जिले में 18 मौत जहरीली शराब के सेवन से होना जानकारी में आया है, लेकिन इसके अलावा भी तमाम मौत ऐसी हुई, जिनमें जहरीली शराब से मौत होना पुख्ता नहीं हो पाया। पिछले साल दर्ज हुए 2000 से अधिक केसपुलिस की ओर से चलाए गए अभियान के दौरान साल 2019 में 1330 केस अवैध शराब और कच्ची शराब को लेकर दर्ज किए गए। साल 2020 में यह आंकड़ा 2079 पहुंच गया। साल 2020 में 43 भट्ठियां पकड़ में आई, जबकि साल 2019 में 41 भट्ठियां पकड़ी गई थी। इससे जाहिर है कि साल दर साल कच्ची शराब और अवैध शराब का कारोबार लगातार बढ़ रहा है। साल 2020 में ढाई हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो कच्ची अवैध शराब के कारोबार से जुड़े हुए थे।
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..वर्जन
कच्ची शराब और तस्करी कर लाई गई शराब के खिलाफ पुलिस अभियान चलाती रहती है। सालभर में ढाई हजार लोगों की अवैध शराब बिक्री में गिरफ्तारी हुई है। कुछ माफिया की संपत्ति भी कुर्क की गई है। साथ ही पंचायत चुनाव के मद्देनजर अवैध शराब और कच्ची शराब के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।
- डा. धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक।