Move to Jagran APP

साढ़े तीन दशक बाद विदुर कुटी घाट तक पहुंची गंगा

पहाड़ों पर हुई झमाझम बारिश और भीमगोड़ा बांध से चार दिन में छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी ने भले ही खादर में तबाही मचाई लेकिन इस बार साढ़े तीन दशक के बाद गंगा की धार महात्मा विदुर की कुटिया के निकट बने पक्के घाट पर बह रही थी। 1970 के दशक में बरसात में गंगा विदुर कुटी और दारानगर गंज में बने पक्के घाट से सटकर बहती थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 04:57 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 04:57 AM (IST)
साढ़े तीन दशक बाद विदुर कुटी घाट तक पहुंची गंगा
साढ़े तीन दशक बाद विदुर कुटी घाट तक पहुंची गंगा

जेएनएन, बिजनौर। पहाड़ों पर हुई झमाझम बारिश और भीमगोड़ा बांध से चार दिन में छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी ने भले ही खादर में तबाही मचाई, लेकिन इस बार साढ़े तीन दशक के बाद गंगा की धार महात्मा विदुर की कुटिया के निकट बने पक्के घाट पर बह रही थी। 1970 के दशक में बरसात में गंगा विदुर कुटी और दारानगर गंज में बने पक्के घाट से सटकर बहती थी।

loksabha election banner

1984 में बैराज बनने के बाद गंगा की मुख्य धार विदुर कुटी से करीब ढाई किलोमीटर दूर बहने लगी। पूर्व गन्ना राज्यमंत्री स्वामी ओमवेश द्वारा गंगा की धार को विदुर कुटी और दारानगर गंज में बने पक्के घाट तक लाने का प्रयास सफल नहीं हो पाया। ग्राम दारानगर गंज निवासी वीरेंद्र कुमार शर्मा आनंद मोहन गर्ग रामपाल सिंह कश्यप किशन सिंह पाल दारानगर राजेंद्र शर्मा, अरविद महेश्वरी का कहना है कि मध्य गंगा बैराज के निर्माण से पूर्व बरसात में गंगा की धार दारानगर गंज और विदुर कुटी घाट पर पक्के घाट से सटकर बहती थी। वर्तमान में गंगा इन घाट से करीब ढाई किलोमीटर दूर बह रही थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने चंदा एकत्र कर जेसीबी से खुदाई कराकर गंगा की मुख्यधारा से गंगा का बहाव प्राचीन गंगा घाटों तक लाने का प्रयास किया गया था, कितु उनका यह प्रयास विफल हो गया था। पहाड़ों पर हुई झमाझम बारिश और भीमगोड़ा बांध से चार दिन में छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा की धार का रूख बदला, तो गंगा की धार 35 साल बाद सटकर बही। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को गंगा की एक धार विदुर कुटी और दारानगर गंज में बने पक्के घाट से निकाले जाने की व्यवस्था करनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.