कोरोना का डर भूले, बाजारों में बेलगाम दिखी भीड़
लाकडाउन की पाबंदियां हटते ही बाजार में भीड़ दिखी। इनमें ज्यादातर लोग ऐसे थे जो खरीदारी के लिए नहीं बल्कि बहुत दिनों के बाद बाजार घूमने आए थे। खतरनाक स्थिति तो यह दिखी कि बाजार आए लोगों में करीब 50 फीसदी लोग बगैर मास्क पहुंच रहे थे और शारीरिक दूरी का भी ध्यान नहीं रख रहे थे। हालांकि बाजार में कुछ जगहों पर होमगार्ड ड्यूटियों पर तो थे मगर उनका ध्यान जाम नहीं लगने देने पर ही केंद्रित था।
जेएनएन, बिजनौर। लाकडाउन की पाबंदियां हटते ही बाजार में भीड़ दिखी। इनमें ज्यादातर लोग ऐसे थे, जो खरीदारी के लिए नहीं बल्कि बहुत दिनों के बाद बाजार घूमने आए थे। खतरनाक स्थिति तो यह दिखी कि बाजार आए लोगों में करीब 50 फीसदी लोग बगैर मास्क पहुंच रहे थे और शारीरिक दूरी का भी ध्यान नहीं रख रहे थे। हालांकि बाजार में कुछ जगहों पर होमगार्ड ड्यूटियों पर तो थे, मगर उनका ध्यान जाम नहीं लगने देने पर ही केंद्रित था। दुकानों पर भीड़ के साथ साथ लोग बगैर मास्क बेपरवाह घूम रहे थे। सब्जी मंडी सूनी पड़ी थी। मिष्ठान, रेडिमेड कपड़ा, सर्राफा, कास्मेटिक, इलेक्ट्रानिक सामान समेत कई उत्पादों के ज्यादातर प्रतिष्ठान सूने पड़े थे। किराना, मेडिकल स्टोर, आयुर्वेदिक दवाखाना आदि आवश्यक वस्तुओं से जुड़े प्रतिष्ठानों पर ही ग्राहक दिखे।
संवाद सहयोगी, चांदपुर: कोरोना के चलते लागू रहे लाकडाउन के बाद मंगलवार से अनलॉक प्रक्रिया शुरू हो गई। बाजार समेत अन्य गतिविधियां भी चालू कर दी गईं। मंगलवार को अधिकांश दुकानें खुल गईं और बाजारों में भीड़ भी दिखाई दी। भीड़ का आलम देखकर लग रहा था कि शायद उन्हें कोरोना जैसी घातक बीमारी का कोई डर नहीं है। लापरवाही यह रही कि लोग बिना मास्क लगाए ही घूमते दिखाई दिए और शारीरिक दूरी जैसी कोई बात ही नजर नहीं आई। हालांकि, बाजार खुलने से दुकानदारों को तो राहत मिली, लेकिन नियमों को पालन किसी ने नहीं किया। सुबह से ही बाजार में भीड़ दिखाई देनी शुरू हो गई। पूर्व की तरह सब्जी मंडी व अन्य प्रतिष्ठान खुले तो ग्राहकों की संख्या भी बढ़ी, ऐसे में न तो दुकानदार नियमों का पालन करता दिखाई दिया और न ही ग्राहक। बाजार में दिन भर जाम की स्थिति बनी रही। जिससे देखकर साफ कहा जा सकता है कि यह लापरवाही कभी भी घातक बन सकती है। -बोले व्यापारी
आर्थिक संकट से उबरने के लिए लाकडाउन खत्म होना बहुत जरूरी था, लेकिन 12 घंटे तक बाजार खोलना समझ से परे है। कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नही है। पहले हफ्ते चार घंटे बाजार खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी। उसके बाद परिस्थितियों को देखते हुए हर हफ्ते एक-एक घंटा बाजार का समय बढ़ाया जाता, तो ज्यादा बेहतर था।
-अंकित शर्मा, चश्मा कारोबारी -आज पहले दिन बाजार सामान्य रहा। 12 घंटे के लिए बाजार खोल तो दिया, लेकिन कोरोना के खतरे को ध्यान में रखा जाए। कहीं ऐसा न हो कि संक्रमण दोबारा फैलने से फिर से लाकडाउन के हालात बन जाएं। बाजार में उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाए, जो मास्क लगाकर आ रहे हों और प्रतिष्ठानों पर शारीरिक दूरी बना रहे हों। अन्य के खिलाफ महामारी उल्लंघन के तहत प्रशासन कार्रवाई करे।
-मंजू वर्मा, सर्राफा कारोबारी