एसिड अटैक के मामले में पांच पर मुकदमा
नूरपुर में एक व्यक्ति पर एसिड फेंकने और जातिसूचक शब्दों के प्रयोग का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जेएनएन, बिजनौर। नूरपुर में एक व्यक्ति पर एसिड फेंकने और जातिसूचक शब्दों के प्रयोग का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
नहटौर थाना क्षेत्र के गांव वाजिदपुर निवासी दीपक पुत्र कमल दिवाकर ने बताया कि उसके पिता का गांव के ही राम सिंह पुत्र झबरे सैनी व उसके पुत्र मनोज कुमार, प्रमोद कुमार व श्रवण कुमार तथा भाई रामकुंवर सैनी से विवाद चल रहा है। यही नहीं वह जातीय रंजिश भी रखते हैं। गत गत 12 सितंबर 2020 को उसके पिता कमल कुमार बाजार करने नूरपुर आ रहे थे। आरोप है कि आरोपितों ने दो बाइकों से उसके पिता का पीछा करते रास्ते में गांव मंडौरा स्थित कालेज के सामने रोक लिया। उन्होंने गाली गलौज व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। आरोप है कि विरोध करने पर उन्होंने जान से मारने की नीयत से उनके ऊपर तेजाब फेंक दिया। जिसमें बुरी तरह झुलस गए। आरोप है कि उन्होंने जेब में रखी नगदी भी निकाल ली। सूचना पर परिजनों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस को उस समय तहरीर दी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। थाना प्रभारी संजय पांचाल ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
जमीन हड़पने और फायर करने का आरोप
नूरपुर: दो लोगों द्वारा महिला से धोखाधड़ी कर पहले मकान का बैनामा करा लिया गया। आरोप है बाद में रकम मांगने पर उन्होंने उस पर फायर झोंक दिया। पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई नहीं की तो पीड़िता ने कोर्ट में गुहार लगाई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
कस्बे के मोहल्ला शहीदनगर निवासी सरदार जोगेंद्र सिंह की पत्नी रविन्द्र कौर ने बताया कि उसके पति रोजगार के सिलसिले में महाराष्ट्र में रहते हैं। बेटों की शादी के लिए उसे रुपयों की आवश्यकता थी। उसने मोहल्ले के ही जावेद पुत्र मसीहुद्दीन से अपना मकान बेचने की बात कही। जावेद ने मोहल्ला कबीरनगर निवासी धर्मेन्द्र पुत्र विरेंद्र को 12 लाख 21 हजार रुपये में मकान का सौदा करा दिया। बतौर बयाना धर्मेंद्र ने उसके खाते में 50 हजार रुपये जमा करा दिए। कुछ दिनों में बैनामा कराने के बाद बाकी रुपये खाते में डलवाने की बात तय हुई। तय तिथि पर चांदपुर तहसील में ले जाकर मकान का बैनामा करा लिया। बाद में खाते में राशि का पता कराया तो 50 हजार के बाद कोई राशि उसमें नहीं डाली गई।
कई बार तकादा करने पर धर्मेंद्र ने उसे एक-एक लाख रुपये के दो चेक दिए। जो उसने बैंक में जमा कराए तो शाखा प्रबंधक ने चेक पर कोई तिथि अंकित न होने पर लौटा दिए। 16 अक्टूबर को हुकूमतपुर पुलिया के पास से जा रही थी, तभी उन्होंने उसे रोक लिया और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की नियत से उस पर फायर झोंक दिया, लेकिन वह बाल-बाल बच गई। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।