Move to Jagran APP

मौके पर नहीं मिले हाथी-हथिनी के संघर्ष के सुबूत

रेहड़ (बिजनौर) : प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) ने अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन रेंज कंपार्ट-3

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 06:26 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 06:26 PM (IST)
मौके पर नहीं मिले हाथी-हथिनी के संघर्ष के सुबूत
मौके पर नहीं मिले हाथी-हथिनी के संघर्ष के सुबूत

रेहड़ (बिजनौर) : प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) ने अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन रेंज कंपार्ट-3 एवं नेशनल कार्बेट पार्क की झिरना वन रेंज में उस स्थान की जांच की, जहां हथिनी का सड़ा-गला शव मिला था। घटनास्थल पर हथिनी व नर हाथी के संघर्ष के प्रमाण और अभी तक नर हाथी के पैरों के निशान ट्रेस न होने पर डीएफओ बिजनौर को कड़ी फटकार लगाई। सात दिन में इस प्रकरण में सटीक स्थिति का पता लगाकर नक्शा सहित रिपोर्ट लखनऊ भेजने के आदेश दिए।

loksabha election banner

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) लखनऊ पवन कुमार वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो नोएडा के मुख्य वन संरक्षक गिरीश ¨सह के साथ बुधवार को अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन रेंज के कंपार्ट-3 में उस स्थान पर पहुंचे, जहां 14 अक्टूबर को हथिनी का शव मिला था। घटनास्थल व हथिनी को दफनाए जाने वाले स्थान को देखा। उन्होंने डीएफओ बिजनौर डा. एम सेमारन से नर व मादा हाथी के बीच हुए संघर्ष के सुबूत, नर हाथी के पैरों के निशान आदि के बारे में पूछा लेकिन वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उन्होंने एक सप्ताह तक हथिनी का शव वन में पड़े रहने व वन्यजीवों की मौत पर भी कड़ी नाराजगी जताई। गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए।

जिम कार्बेट पार्क कालागढ़ के निदेशक राहुल कुमार, उपनिदेशक अमित कुमार वर्मा, मुख्य वन संरक्षक बरेली अर¨वद कुमार गुप्ता, वन संरक्षक मुरादाबाद आरपी वर्मा, डीएफओ नजीबाबाद अखिलेख मिश्रा, एसडीओ हरि ¨सह, रेंजर राकेश कुमार शर्मा, वनदारोगा जयपाल ¨सह चौहान सहित बड़ी संख्या में वन अधिकारी मौजूद रहे। यह था मामला

गत 14 अक्टूबर जंगल में मादा हथिनी का सड़ा-गला शव मिला था। स्थानीय अधिकारियों ने आशंका जताई थी कि समागम का विरोध करने पर नर हाथी के साथ हुए संघर्ष में हथिनी की जान गई होगी। इसी की जांच के लिए लखनऊ से प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) यहां पहुंचे थे।

----

वाइल्ड लाइफ के बिना मानव जीवन संभव नहीं: पवन

-प्रधान मुख्य वन संरक्षरक ने कहा, वन्यजीवों के अभिभावक बनने वाले होंगे पुरस्कृत

रेहड़ (बिजनौर): प्रधान मुख्य वन संरक्षरक (वन्यजीव) पवन कुमार ने कहा, हमें वन्यजीवों को ¨हसक जानवरों के रूप में नहीं देखना चाहिए। आबादी की ओर आ रहे वन्यजीवों के प्रति नरम और संयमित व्यवहार रखें। मानव जीवन में पानी, हवा, वनस्पतियों के साथ-साथ वाइल्ड लाइफ का भी महत्वपूर्ण योगदान है। वाइल्ड लाइफ के बिना मानव जीवन ही संभव नहीं है।

बुधवार को हथिनी की मौत की जांच को पहुंचे पवन कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वन्यजीव नहीं होते तो लोगों ने अब तक हरे पेड़ों को काटकर तमाम भूमि को बंजर बना दिया होता। वन्यजीवों की कोई निर्धारित भाषा नहीं होती। कहा कि वन्यजीवों व मानव जीवन में सामंजस्य बनाने के लिए वन्य जीव प्राणि सप्ताह के आयोजन के बाद वन्य जीव अभिभावक बनाने की पहल शुरू की गई है। बाघ, हाथी व अन्य वन्य जीवों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों को लखनऊ में पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को वन्यजीवों की रोकथाम के लिए सोलर फें¨सग लगाने की कार्ययोजना बनाकर भेजने के निर्देश दिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.