कृषि विधेयक लागू होने से स्वतंत्र होगा किसान
कृषि विधेयक को लेकर अभी तरह-तरह की भ्रांतियां बनी हुई हैं। हालांकि किसान अभी मुख्यत विधेयक को लेकर विरोध करते नजर आ रहे हैं।
बिजनौर, जेएनएन। कृषि विधेयक को लेकर अभी तरह-तरह की भ्रांतियां बनी हुई हैं। हालांकि, किसान अभी मुख्यत: विधेयक को लेकर विरोध करते नजर आ रहे हैं। कहा जाए तो किसानों को अभी इस विधेयक की पूरी जानकारी भी नहीं है, जिसे लेकर असमंजस भी है। हालांकि, फसल कहीं भी बेचने समेत अन्य कई निर्णय किसान हित में हैं। कृषि विधेयकों पर किसानों ने अपनी राय पेश की। कृषि विधेयक को लेकर बने असमंजस को सरकार दूर करे। न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम फसल खरीदने को लेकर कानून बने। जिससे किसानों को फायदा हो। कृषि विधेयक किसान हित में है, लेकिन इससे जुड़े सभी बिदुओं को किसानों तक पहुंचाया जाए। जिससे किसान कानून को जान सकें और इसका लाभ उठा सकें।
-कुलदीप सिंह, जिलाध्यक्ष भाकियू।
सरकार का कृषि विधेयक किसानों के हित में है। विरोधी दल इसे लेकर भ्रम फैला रहे हैं। इस विधेयक के तहत किसान कहीं भी अपनी फसल बेच सकता है। विधेयक से उनकी आय दोगुना करने में सहायक सिद्ध होगा। बिचौलिए किसानों की उपज का मुनाफा कमा लेते थे, अब ऐसा नहीं कर सकेंगे।
-राजीव कुमार, किसान बागड़पुर।
किसानों को हमेशा ही राजनीतिक मोहरा बनाया जाता रहा है। किसानों के हित के वायदे होते हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता। कृषि विधेयक लागू हुआ है, इसमें किसानों के हित की बात की जा रही है। जगह-जगह विरोध भी हो रहा है। सही जानकारी के लिए किसानों को सामने आकर इसका अध्ययन करना चाहिए।
-कुलदीप शर्मा, किसान।
कृषि विधेयक किसानों के लिए ऐसे कानून है कि अब उन्हें आर्थिक शोषण से नहीं जूझना पड़ेगा। अभी तक किसानों को मंडी समितियों में फसल बेचनी होती थी, लेकिन अब दूसरे राज्यों में आसानी से फसल बेची जा सकेगी। विधेयक का मुख्य मकसद एक देश, एक कृषि बाजार को बढ़ावा देना है।
-राजीव कुमार, कैलनपुर।