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तौल नहीं होने पर धान घर ले जाने को मजबूर किसान

हरेवली में स्थित धान क्रय केंद्र पर कई दिनों से धान की तौल नहीं हो रही है। इसके चलते किसान धान को अपने घर ले जाने को मजबूर हैं। वहीं क्रय केंद्र पर धान न खरीदे जाने पर किसान कम दामों में धान बेचने को मजबूर हैं। किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों से धान की तौल कराने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 11:03 PM (IST)
तौल नहीं होने पर धान घर ले जाने को मजबूर किसान
तौल नहीं होने पर धान घर ले जाने को मजबूर किसान

बिजनौर, जेएनएन। हरेवली में स्थित धान क्रय केंद्र पर कई दिनों से धान की तौल नहीं हो रही है। इसके चलते किसान धान को अपने घर ले जाने को मजबूर हैं। वहीं क्रय केंद्र पर धान न खरीदे जाने पर किसान कम दामों में धान बेचने को मजबूर हैं। किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों से धान की तौल कराने की मांग की है।

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किसान सरकारी धान क्रय केंद्र पर अपना धान बेचने के लिए संघर्ष कर रहा है। कई दिनों से हरेवली स्थित क्रय केंद्र पर तौल नहीं हो रही है। आरोप है कि यदि क्रय केंद्र पर धान की तौल होती है तो राइस मिल स्वामी उसे खराब बताकर लेने से इनकार कर देते हैं। बताया जाता है कि सोमवार को हरेवली क्रय केंद्र से धान से लदा ट्रक एक मिल स्वामी द्वारा वापस कर दिया गया। वहीं धान क्रय केंद्र प्रभारी नरेश कुमार ने बताया कि धान में कोई कमी नहीं थी। केंद्र प्रभारी ने बताया कि गोदाम में हजारों कुंतल धान जमा है। गोदाम में जगह नहीं होने के कारण किसानों का धान नहीं तौला जा रहा है। इसके चलते किसान अपना धान घर वापस ले जाने को मजबूर हैं। विजय सिंह, सुरेश कुमार, अजय कुमार, शीशराम सिंह, गुरजीत सिंह, मोहन सिंह, बाबूराम, जयपाल सिंह आदि किसानों में धान की तौल नहीं होने से आक्रोश है। किसान औने-पौने दामों में अपना धान इधर-उधर बेचने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रशासनिक अफसरों से धान की तौल कराए जाने की मांग की है। एमएसपी को गारंटी कानून बनाएं

नजीबाबाद: भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के कार्यकर्ताओं ने एमएसपी को गारंटी कानून बनाए जाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने सहित कई समस्याओं को उठाया।

भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के जिलाध्यक्ष चौधरी वीर सिंह सहरावत की अध्यक्षता में तहसील परिसर में मासिक पंचायत आयोजित हुई। चौधरी वीर सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने किसान हित में तीनों कृषि कानूनों को तो रद कर दिया। यह किसानों के आंदोलन की जीत है। लेकिन जब तक इसको गारंटी कानून नहीं बनाया जाएगा और आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को सम्मान और उनके परिजनों को उचित मुआवजा नहीं दिया जाएगा तब तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा। किसानों ने तहसीलदार गोपेश तिवारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों ने एमएसपी को गारंटी कानून बनाए जाने, किसान हित में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किए जाने, किसान आंदोलन में किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापिस लिए जाने, गन्ने का समस्त बकाया भुगतान 14 दिन के भीतर किए जाने, गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली बंद कराए जाने, किसानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति दिए जाने की मांग की। इस अवसर पर चौधरी पदम सिंह, रामकुमार सिंह, अंबरीष चौधरी, जग्गन अली, देवेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह, शीशपाल सिंह, डालचंद सिंह, नरेश कुमार, नागेंद्र चौधरी, अजयपाल सिंह, मुबारिक हसन, गजराज सिंह, सरदार दलजीत सिंह, शहजाद अली, कमल सिंह, जोगेंद्र सिंह, आदिल, गुरुदेव सिंह, लक्ष्मण सिंह आदि किसान मौजूद रहे।


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