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एसओसी को दिए भूमि संबंधी वादों के निबटारे के निर्देश

डीएम रमाकांत पांडेय ने सोमवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में एनएच-119 के निर्माण की समीक्षा बैठक में एसओसी चकबंदी को निर्देशित किया कि वह अपने न्यायालय में विचाराधीन वादों का गुणवत्तापूर्वक निस्तारण करें ताकि संबंधित भूस्वामियों को उनकी भूमि का मुआवजा दिया जा सके।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 10:53 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 10:53 PM (IST)
एसओसी को दिए भूमि संबंधी वादों के निबटारे के निर्देश
एसओसी को दिए भूमि संबंधी वादों के निबटारे के निर्देश

बिजनौर, जेएनएन। डीएम रमाकांत पांडेय ने सोमवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में एनएच-119 के निर्माण की समीक्षा बैठक में एसओसी चकबंदी को निर्देशित किया कि वह अपने न्यायालय में विचाराधीन वादों का गुणवत्तापूर्वक निस्तारण करें, ताकि संबंधित भूस्वामियों को उनकी भूमि का मुआवजा दिया जा सके।

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उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि वह एनएच-119 के निर्माण से संबंधित जो भी रिपोर्ट दी गई है, उसे प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें। जिन भूखंडों का मुआवजा भूस्वामी को दिया जा चुका है और अभी तक उक्त भूमि को कब्जामुक्त नहीं किया है। उस भूमि को तत्काल कब्जामुक्त कराकर राष्ट्रीय राजमार्ग अथारिटी आफ इंडिया के अफसरों को उपलब्ध कराने की कार्रवाई करें, ताकि निर्माण कार्य में आई रुकावट को दूर किया जा सके।

उन्होंने अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को निर्देशित किया कि वह क्षतिग्रस्त बैराज रोड की तत्काल मरम्मत कराएं, ताकि सड़क दुर्घटना से बचाव हो सके। उन्होंने सक्षम प्राधिकारी को निर्देश दिए कि वह भूमि एवं परिसम्पत्तियों के मुआवजे के वितरण की गति में तेजी लाएं। बैठक में एसडीएम सदर विक्रमादित्य सिंह मलिक, एसडीएम नजीबाबाद बृजेश कुमार सिंह, एसडीएम चांदपुर कुंवर वीरेन्द्र मौर्य, एसडीएम धामपुर धीरज कुमार, अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग आयुष कुमार, प्रबंधक वरुण के अलावा अन्य संबंधित विभागों के सभी अधिकारी मौजूद थे। दुकान के फर्जी प्रस्ताव का आरोप

नजीबाबाद क्षेत्र के गांव जसवंतपुर लुकादड़ी की कई महिलाओं ने गांव में सुविधा शुल्क की आड़ में सरकारी सस्ता गल्ला प्रतिष्ठान नियम विरुद्ध आवंटित करने की शिकायत करते हुए कार्रवाई करने की मांग की।

गांव जसवंतपुर उर्फ लुकादड़ी निवासी सोनी पत्नी हरज्ञान के नेतृत्व में कई महिलाएं सोमवार सुबह तहसील पहुंचीं। महिलाओं ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। सोनी पत्नी हरज्ञान ने बताया कि गांव में सरकारी सस्ता गल्ला प्रतिष्ठान के लिए उनके और शीतल पत्नी अनिल के नाम पर सहमति बनी थी। दोनों में से ही किसी एक का चुनाव होना था। सोनी एवं अन्य महिलाओं का आरोप था कि सुविधा शुल्क लेकर और फर्जी प्रमाण पत्रों को सम्मिलित कर अन्य को दुकान की संस्तुति कर दी गई। महिलाओं ने राशन की दुकान के चयन में गड़बड़ी की जांच कराने और निष्पक्ष रूप से राशन की दुकान का पुन: आवंटन करने की मांग की। गांव से तहसील पहुंची महिलाओं में हेमंत, सुनीता, पूनम, रेशमा, दीपा, रूपा, राजकली, मालो, सुनीता, मीनाक्षी, दयावती, रीना, रानी, राजकुमारी, रानी शामिल रहीं।


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