बिजनौर, चांदपुर पर रालोद-सपा गठबंधन ने नहीं खोले पत्ते
बिजनौर सदर और मिनी छपरौली कही जाने वाली चांदपुर सीट पर रालोद-सपा गठबंधन ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। यह सीट अपने आसपास की सीट पर भी असर दिखाती है। उक्त सीटों पर भाजपा और बसपा के बाद सभी की नजर गठबंधन की ओर टिकी है। यह दोनों सीट रालोद के हिस्से में जाने की ज्यादा संभावना है। इसी कारण यहां टिकट लेने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है।
बिजनौर, जेएनएन। बिजनौर सदर और मिनी छपरौली कही जाने वाली चांदपुर सीट पर रालोद-सपा गठबंधन ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। यह सीट अपने आसपास की सीट पर भी असर दिखाती है। उक्त सीटों पर भाजपा और बसपा के बाद सभी की नजर गठबंधन की ओर टिकी है। यह दोनों सीट रालोद के हिस्से में जाने की ज्यादा संभावना है। इसी कारण यहां टिकट लेने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है।
विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही जनपद में राजनीति गर्म हो गई है। दिनोंदिन मौसम में ठंड बढ़ने से तापमान में गिरावट हो रही है, लेकिन मतदान की तिथि नजदीक आने से राजनीति का माहौल दिनोंदिन गर्मा रहा है। सर्दी से मौसम जरूर ठिठुर रहा है, लेकिन चुनाव नजदीक आने पर राजनीतिक पारा चढ़ रहा है। गांवों की चौपालों और शहर एवं कस्बों में दुकानों पर चाय की चुस्की के साथ राजनीतिक बहस चल रही है।
भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने जिला मुख्यालय बिजनौर शहर सदर और चांदपुर विधानसभा सीट से अपने विधायकों पर ही दांव खेला है। बिजनौर सदर, चांदपुर और नहटौर सीट गठबंधन में रालोद के हिस्से में जाने की संभावना है। रालोद-सपा गठबंधन ने तीन सीटों में से नहटौर सुरक्षित सीट पर पूर्व सांसद मुंशीराम पाल को चुनाव मैदान में उतारा है। अभी चांदपुर और बिजनौर सदर सीट पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं हुई है। रालोद के टिकट मांगने वालों की लंबी लाइन है। इसमें कई पार्टी के नेता और पदाधिकारी हैं, तो कई नए और अन्य पार्टी से आए हुए हैं। गठबंधन के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद राजनीतिक माहौल में गर्मी आना तय है।