बच्चा बेचने की चर्चा, जांच में मामला गोद लेने का निकला
बच्चा बेचने के आरोप के बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने जांच शुरू की और दोनों पक्षों को बुलाया गया। जांच में सामने आया कि बच्चे को गोद दिया गया था। इसके लिए रजिस्ट्रार के यहां पंजीकरण करा दिया गया है। फिलहाल आदेश मिलने तक बच्चे को पिता के पास रखने के निर्देश दिए हैं।
जेएनएन, बिजनौर। बच्चा बेचने के आरोप के बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने जांच शुरू की और दोनों पक्षों को बुलाया गया। जांच में सामने आया कि बच्चे को गोद दिया गया था। इसके लिए रजिस्ट्रार के यहां पंजीकरण करा दिया गया है। फिलहाल आदेश मिलने तक बच्चे को पिता के पास रखने के निर्देश दिए हैं।
धामपुर के मोहल्ला चंपा देवी निवासी मनोज सैनी के तीन बेटे हैं। करीब दो वर्ष पूर्व मनोज की पत्नी उसे छोड़कर कहीं चली गई थी। तीनों बच्चों का लालन-पालन उसी के कंधों पर था। तीन मासूम बच्चों का लालन-पालन मनोज अपने विकलांग भाई के साथ रह कर करता है। गुरुवार को मनोज सैनी ने ढाई साल के बेटे कार्तिक को नूरपुर थाना क्षेत्र के गांव अलीनगर पालनी निवासी एक नि:संतान दंपति को दे दिया। मोहल्ले में बच्चे को डेढ़ लाख रुपये में बेचने की चर्चा शुरू हो गई। शुक्रवार को इसकी शिकायत पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से की गई। थाना पुलिस ने बच्चे के पिता और उसे लेने वाले को थाने बुलाया। मनोज सैनी ने बताया कि उसकी आर्थिक कमजोर है। इसलिए उसने एक बच्चे को अपने परिचित को दे दिया है। इसके लिए बकायदा रजिस्ट्रार विभाग, धामपुर में रजिस्ट्रेशन कराया है। प्रक्रिया पूरी होने को है। बेचने का आरोप गलत है। थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि फिलहाल आदेश मिलने तक बच्चे को उसके पिता के साथ रखने के निर्देश दिए गए हैं। गोद लेने वाले व्यक्ति की भी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए बेचने का मामला सामने नहीं आया है।
-------------------
वीरेंद्र