सड़क पर गंदगी फैलने से बढ़ रहा संक्रमण का खतरा
शासन-प्रशासन ने कोरोना काल में सभी निकायों और ग्राम पंचायतों में गंदे पानी की निकासी के लिए बने छोटे-बड़े नालों की सफाई के निर्देश दिए थे लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश में सड़कों पर नालों से निकली गंदगी ने सरकारी दावों की पोल खोल दी है। मानसून की शुरुआती बरसात ने निकायों के नालों की तलीझाड़ सफाई की हकीकत सामने आ गई है।
बिजनौर, जेएनएन। शासन-प्रशासन ने कोरोना काल में सभी निकायों और ग्राम पंचायतों में गंदे पानी की निकासी के लिए बने छोटे-बड़े नालों की सफाई के निर्देश दिए थे, लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश में सड़कों पर नालों से निकली गंदगी ने सरकारी दावों की पोल खोल दी है। मानसून की शुरुआती बरसात ने निकायों के नालों की तलीझाड़ सफाई की हकीकत सामने आ गई है।
जिले की बिजनौर, चांदपुर, धामपुर और नजीबाबाद समेत सभी 18 निकायों और 1128 ग्राम पंचायतों में लॉकडाउन समाप्त होने के बाद नालों की सफाई कराने का जिम्मेदारों ने दावा किया, लेकिन बिजनौर शहर में ही बरसात के बाद कई छोटे-बड़े नालों में जमा गंदगी उफन कर बाहर आ गई।
नजीबाबाद: नगर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए नगर पालिका ने 65 नियमित और 79 संविदा सफाईकर्मियों को लगाया है। मुख्य बाजार कल्लूगंज, चौक बाजार, मछली बाजार में एक बार सफाई होने के बाद सब्जी, फल व दुकानों का कूड़ा बाजार खुलते की मार्गो पर फैल जाता है। उधर, ठेकेदार के माध्यम से हरिद्वार, स्टेशन रोड, मकबरा, मछली बाजार, संतोमालन, चारबाग,जाब्तागंज, पठानपुरा से जुड़े नालों की तलछट सफाई का अभियान चलाया गया, लेकिन अधिकांश नालों में अभी भी गंदगी भरी है। रेलवे स्टेशन रोड से स्टैब्स ग्राउंड की ओर नाले की सफाई तो की गई, लेकिन नाले की दोनों ओर उगी घास की साफ करना सफाई कर्मचारियों ने मुनासिब नहीं समझा। हल्की से वर्षा में वहां कूड़ा-करकट एकत्र होकर जलभराव से संक्रामक रोग फैलने की संभावना बनी हुई है। -इनका कहना है--
बरसात और कोरोना वायरस को देखते हुए नगर की सफाई व्यवस्था पर पूरा फोकस है। नालों की तलछट सफाई का अभियान जारी है। नागरिकों से मिलने वाली शिकायतों और निरीक्षण के दौरान नजर आने वाली कमियों को दूर कराया जाएगा।
-विनोद गौड़, एडीएम प्रशासन