व्यवस्था के बावजूद रैन बसेरों में कम पहुंच रहे राहगीर
जेएनएन बिजनौर। ठिठुरन से बचाव को निकाय क्षेत्रों में राहगीरों के ठहराव के पर्याप्त बंदोब
जेएनएन, बिजनौर। ठिठुरन से बचाव को निकाय क्षेत्रों में राहगीरों के ठहराव के पर्याप्त बंदोबस्त हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के डर से इन रैन बसेरों में कम ही राहगीर ठहराव के लिए पहुंच रहे हैं। इसके बाद जिले के प्रमुख चौराहों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है।
पालिका परिषद बिजनौर ने राहगीरों को ठंड से बचाव के लिए इंदिरा बाल भवन में स्थाई रैन बसेरा बना रखा है। इस रैन बसेरे में राहगीरों के ठहराव के लिए बिस्तर और अलाव की व्यवस्था की गई। इसके अलावा मुख्य डाकघर समेत बिजनौर शहर के मुख्य चौराहों पर अलावा की व्यवस्था की गई है। धामपुर में रोडवेज बस स्टैंड के निकट रैन बसेरा बना हुआ है। रैन बसेरे के अलावा प्रमुख चौराहों पर अलाव जलाए जा रहे हैं। चांदपुर में रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर रैन बसेरा बनाए गए हैं। इसके अलावा नगर में अलावा जलाए जा है। नजीबाबाद में रोडवेज बस स्टैंड पर अस्थाई रेन बसेरा संचालित होने के साथ-साथ प्रमुख चौराहों पर अलाव जलाए जा रहे हैं।
रैन बसेरे : शीतलहर से बचने के लिए अधिकांश गरीब और बेसहारा रैन बसेरों की ओर रुख करते हैं। देखा जाए कि यहां कितने लोग पहुंच रहे हैं और दावों के अनुरूप कितनी सुविधाएं हैं। पर्याप्त व्यवस्था होने के बावजूद कम ही राहगीर रैन बसेरों में ठहराव के लिए पहुंच रहे हैं। कारण लोगों में कोरोना संक्रमण का डर बना हुआ है। हालांकि प्रशासन ने इन रैन बसेरों में बिस्तर के कवर बदलवाने और सैनिटाइज कराए जाने के पूरे बंदोबस्त कर रखे है। -यात्रियों की संख्या में कमी आई
प्रतिदिन आसमान में काले बादल छाने और शीतलहर की वजह से बढ़ी ठिठुरन के कारण रोडवेज और प्राइवेट बसों में आम दिनों के मुकाबले यात्रियों की संख्या में कुछ कमी जरूर आई है। इस दौरान यदाकदा निकलने वाली चटक धूप के दौरान बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में जरूर सुधार होता है।