कोरोना..सावधानी और सुरक्षा ही कोरोना का तोड़
मौसम पूरी तरह बदल चुका है। ठंड के चलते एक बार फिर कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। सावधानी और सुरक्षा ही ऐसा माध्यम है जो इस संक्रमण से बचा सकता है। खतरा बढ़ रहा है तो ऐसे में प्रयास करें कि आवश्यक कार्य से ही बाहर निकलें। कोरोना से जंग जीतकर लौटे बैंक कर्मचारी अब लोगों को जागरूक रहने के प्रति जागरूक कर रहे हैं। ताकि कोरोना की चेन न बढ़े और जन-जन स्वस्थ्य रहे।
जेएनएन, बिजनौर। मौसम पूरी तरह बदल चुका है। ठंड के चलते एक बार फिर कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। सावधानी और सुरक्षा ही ऐसा माध्यम है जो इस संक्रमण से बचा सकता है। खतरा बढ़ रहा है तो ऐसे में प्रयास करें कि आवश्यक कार्य से ही बाहर निकलें। कोरोना से जंग जीतकर लौटे बैंक कर्मचारी अब लोगों को जागरूक रहने के प्रति जागरूक कर रहे हैं। ताकि, कोरोना की चेन न बढ़े और जन-जन स्वस्थ्य रहे।
एक प्राइवेट बैंक के कर्मचारी ने बताया कि लाकडाउन में बैंक खुले। जरूरी कार्य से बैंक भी आए। अनलाक होने के बाद बैंकों में जबरदस्त भीड़ रही। ऐसे में वह कोरोना संक्रमित हो गए। बुखार और गले में परेशानी होने पर उन्होंने टेस्ट कराया तो कोरोना की पुष्टि हुई। जिसके बाद उनके होश उड़ गए। जानकारी पर एंबुलेंस उन्हें कोविड अस्पताल ले गई। यहां पर वह नियमित दवाई और गर्म पानी को सेवन करते रहे। तबीयत ठीक होने पर सुबह शाम प्राणायाम व हल्के आसन करना शुरू किए। 14 दिन बाद वह कोरोना को मात देकर घर वापस लौट आए, लेकिन इन 14 दिनों ने कोरोना ने बहुत कुछ सिखाया। अकेलेपन में अजीब घबराहट और हिम्मत टूटना सुबह कुछ रहा, लेकिन मजबूत इरादे के साथ मन में ठाना की कोरोना को मात देनी है। घर लौटने के बाद हौसला बढ़ा तो दिनचर्या में योग व व्यायाम को शामिल करते हुए शरीर को अलग ही शक्ति और स्फूर्ति मिली। गर्म पानी के साथ-साथ काढ़े का सेवन नियमित शुरू किया। अब शारीरिक मजबूती तो बन ही चुकी है, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना को मात देने के लिए सुरक्षा और जागरूकता जरूरी है। मास्क इस समय बहुत ही जरूरी है। हो सके तो भीड़ से बचें और शारीरिक दूरी का पालन करें। खुद सुरक्षित रहेंगे तो समाज भी सुरक्षित रहेगा।