अब पीएचसी-सीएचसी पर प्रतिदिन होगा टीकाकरण
जेएनएन बिजनौर। कोविड वैक्सिनेशन की गति में तेजी लाने एवं ग्रामीण जनता को सुनिश्चित टीकाकरण
जेएनएन, बिजनौर। कोविड वैक्सिनेशन की गति में तेजी लाने एवं ग्रामीण जनता को सुनिश्चित टीकाकरण सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने जिले भर की समस्त पीएचसी एवं सीएचसी पर प्रतिदिन टीकाकरण करने के निर्देश दिए है।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अभी तक जिला अस्पताल में प्रतिदिन टीकाकरण किया जाता है। जबकि समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं ब्लाक स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सोमवार, गुरुवार एवं शुक्रवार को सप्ताह में केवल तीन दिन टीकाकरण किया जाता है। अब सरकार ने जिला अस्पताल की तर्ज पर पीएचसी एवं सीएचसी में भी सप्ताह में छह दिन सोमवार से शनिवार तक टीकाकरण करने के निर्देश दिए है। अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सीएमओ को भेजे पत्र में प्रतिदिन स्टाफ नर्स एवं फार्मासिस्ट के माध्यम से टीकाकरण कराने के निर्देश दिए है। इसके अलावा 13 से 27 तक जिले में टीकाकरण का विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। अभियान के अंतर्गत रोडवेज, प्राइवेट बस स्टैंड, स्कूल, होली के रंग विक्रेता, ठेले वाले, मलिन बस्ती, ईंट भट्टा आदि स्थानों पर भी सैम्पल लिए जाएंगें। टीकाकरण के नोडल एसीएमओ डा. एसके रावत बताते है कि अभियान अधिक से अधिक लोगों के सैम्पल एकत्र कर कोरोना की जांच कराना है। ताकि कोरोना के छिपे रोगी मिल सके और उनका समुचित उपचार कराया जा सके। उन्होंने लोगों का आह्वान किया अपने और परिवार को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अधिक से अधिक लोग टीकाकरण अवश्य ही कराए।
हाथ अल्लाह ने बख्शे हैं कमाने वाले
जेएनएन, बिजनौर। गालिब एकेडमी की ओर से महफिल-ए-मुशायरा व सम्मान समारोह का आयोजन किया है। अदबी खिदमत एवं समाजसेवा के लिए हाजी नौशाद अख्तर सैफी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल गफ्फार कुरैशी को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। शायरों ने कलाम पेश कर खूब-वाहवाही लूटी।
गालिब एकेडमी की ओर से नसीम आलम एडवोकेट के निवास पर अब्दुल गफ्फार की अध्यक्षता में महफिल-ए-मुशायरा आयोजित हुआ। मुशायरे का आगाज अकरम जलालाबादी की नात-ए-पाक से हुआ। डा. तैय्यब जमाल ने कहा कि इक बार जिस पे चढ़ गया है आशिकी का रंग, गम क्या है उसके वास्ते क्या है खुशी का रंग। मौसूफ अहमद वासिफ ने कहा कि गर्दिश-ए-वक्त किसी जगह भी ले चल मुझको, हाथ अल्लाह ने बख्शे हैं कमाने वाले। शहादत अली निजामी ने कहा कि निजामी सारे जमाने में वो सुकून कहां, जो बात मर्द-ए-कलंदर की बारगाह में है। शकील अहमद वफा कि हुस्न का कूचा है हरगिज ना वहां जाना, काबू हो तुम्हें अपने दिल पर तो चले जाओ। उबैद अहमद ने कहा कि एक एक कतरा खूं का निचौड़ा जायेगा, फिर जाकर के कैद से छोड़ा जायेगा। सय्यद अहमद ने कहा कि मदीने में मरने की चाहत तो हैं पर, मौहल्ले की मस्जिद तो खाली हैं कब से। डा. रईस अहमद भारती ने कहा कि छांव में बैठ के कुछ देर सुस्ताले गरीब, दिल के विराने में वो पेड़ उगा दो यारों। शादाब जफर शादाब के संचालन में आयोजित महफिल-ए-मुशायरे में नासिर अहमद, हाफि•ा शादाब, अल्ताफ र•ा, मरगूब हुसैन नासिर आदि ने कलाम पेश किये। इस अवसर पर असगर अली अंसारी, अबरार सलमानी, मोबीन कुरैशी, शमीम कुरैशी, दाऊद कुरैशी, मजहर आलम, मरगूब आलम, महबूब आलम, जीशान नजीबाबाद, खुर्शीद कुरैशी, सरताज आलम एडवोकेट, असलम एडवोकेट, इकबाल चौधरी आदि मौजूद रहे।