मानसिक मजबूती से कोरोना को दी जा सकती है मात
कोरोना महामारी अब बेकाबू है। लगातार संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि धैर्य के साथ इससे लड़ाई लड़ें और खुद को शारीरिक रूप से मजबूत बनाकर इसे मात दें। ऐसा ही कुछ कर दिखाया 58 वर्षीय चिकित्सक डा. वीरबाला देवी ने। कोरोना को खुद पर हावी न करते हुए उन्होंने इससे जंग लड़ी और जल्द ही वह स्वस्थ भी हो गईं। लोगों को भी उनसे सीख लेने की आवश्यकता है।
जेएनएन, बिजनौर। कोरोना महामारी अब बेकाबू है। लगातार संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन, इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि धैर्य के साथ इससे लड़ाई लड़ें और खुद को शारीरिक रूप से मजबूत बनाकर इसे मात दें। ऐसा ही कुछ कर दिखाया 58 वर्षीय चिकित्सक डा. वीरबाला देवी ने। कोरोना को खुद पर हावी न करते हुए उन्होंने इससे जंग लड़ी और जल्द ही वह स्वस्थ भी हो गईं। लोगों को भी उनसे सीख लेने की आवश्यकता है।
पेशे से चिकित्सक मोहल्ला रामनगर निवासी 58 वर्षीय वीरबाला देवी 25 मार्च को कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गईं। उन्होंने घर पर ही रहकर कोरोना से जंग जीती। डा. वीरबाला देवी बताती हैं कि 20 मार्च को तेज बुखार व सिरदर्द होने पर उन्होंने सरकारी अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराया। 25 मार्च को टेस्ट रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद उन्हें होम आइसोलेशन में भेजा गया। उन्होंने सबसे पहले खुद को अलग कमरे में रखा और खिड़की से ही परिवार के लोगों से सम्पर्क में रहीं। चिकित्सा के अनुभव को साझा करते हुए आवश्यक दवाइयों के साथ लौंग, अजवाइन, सफेद इलायची का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार सेवन किया। दिन में चार से पांच बार उबला पानी, खट्टे फल और तलीय मुक्त सब्जी का सेवन किया। खानपान के अलावा धूप में दो घंटे योगा किया। इस दौरान संगीत का भी आनंद लेकर खुश रहीं। उनका संदेश है कि कोरोना से डरे नहीं बल्कि आत्मविश्वास और अपने इरादे को मजबूत कर डटकर मुकाबला करें। विजय अवश्य होगी।