केबिल-डिश के दौर में सिनेमा हॉल पर पड़े ताले
सिनेमा हाल बंद होने की सबसे बड़ी घटती दर्शकों की संख्या और इंटरनेट की सस्ती दरें हैं। लोग मोबाइल फोन पर फिल्म का ट्रेलर देखकर मन बना लेते हैं कि उन्हें अमुक फिल्म को देखना है अथवा नहीं।
बिजनौर, जेएनएन। एक जमाना था, जब लोग मनोरंजन के लिए सिनेमाहाल की ओर रुख करते थे, किंतु केबिल और डिश टीवी के दौर में सिनेमाहाल बेगाने हो गए। बड़े शहरों में फिल्में करोड़ों का कारोबार करती हो, लेकिन छोटे शहरों में सिनेमाहाल बंद हो रहे। जो सिनेमाहाल चल भी रहे हैं, उनमें भी सीटिग के हिसाब से दर्शक नहीं पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि बिजनौर जनपद में 26 में से 20 सिनेमाहाल बंद हो चुके हैं। यहीं हाल रहा तो चालू सिनेमा हाल कब बंद हो जाएं, कहा नहीं जा सकता।
1960 से लेकर 2000 तक मनोरंजन का एकमात्र साधन सिनेमा हुआ करते थे। लोग सज-धज कर सिनेमा देखने जाते थे और टिकट लेने के लिए खिड़की पर जबरदस्त मारामारी रहती थी। उस वक्त प्रभावशाली लोग अपने परिवार को फिल्म दिखाने के लिए एडवांस में टिकट मंगवाया करते थे। दो हजार के दशक में दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, करण-अर्जुन जैसी फिल्में देखने के लिए लोगों में टिकट लेने के लिए जबरदस्त मारामारी मची। कई बार टिकट खिड़कियों पर धक्का-मुक्की भी हुआ करती थी। फिल्मों के टिकटों पर ब्लैक हुआ करता था। शोले, हम आपके हैं कौन फिल्मों को लोग आज भी याद करते हैं। 2002 में केबिल टीवी और डिश टीवी का प्रभाव बढ़ने के बाद लोगों को घर बैठे ही होम थियेटर और टेलीविजन पर हिदी फिल्में देखने का चस्का लग गया। सिनेमाहालों पर फिल्में देखने वाले दर्शकों कर संख्या में धीरे-धीरे गिरावट आने लगी। अब हालत यह हो गई कि जिन सिनेमाहालों पर कभी सिने प्रेमियों की रौनक हुआ करती थी, वह धीरे-धीरे बंद होने लगी। एक वक्त था कि जब जनपद में 26 सिनेमाहाल हुआ करते थे, इनमें से बिजनौर में नीलकमल, साजन, नजीबाबाद में सम्राट और कृष्णा टाकीज समेत 20 सिनेमाहाल बंद हो चुके हैं। वर्तमान में एसआरएस माल में दो स्क्रीन, धामपुर में शीला, बंसल, नगीना में साहू पैलेस, नजीबाबाद में पुकार, चांदपुर में दो स्क्रीन सिनेमा हाल चल रहे हैं।
इनका कहना है..
केबिल टीवी और डिश टीवी के जरिए घर बैठे ही होम थियेटर और टेलीविजनों पर दर्शकों के फिल्मे देखने की वजह से जनपद में 20 सिनेमा हाल बंद हो चुके है। यदि इस कारोबार को बढ़ावा देना है तो करों में कमी करनी होगी।
- अजीज अहमद, पूर्व प्रबंधक शक्ति सिनेमा। सिनेमा हाल बंद होने की सबसे बड़ी घटती दर्शकों की संख्या और इंटरनेट की सस्ती दरें हैं। लोग मोबाइल फोन पर फिल्म का ट्रेलर देखकर मन बना लेते हैं कि उन्हें अमुक फिल्म को देखना है अथवा नहीं।
- ओमप्रकाश कुशवाहा, जिला मनोरंजन कर अधिकारी।