ट्रैक पर नियम तोड़ा, कूड़ा-करकट जलाया
पराली और कूड़ा जलाने पर है प्रतिबंध संवाद सहयोगी नजीबाबाद हवा को प्रदूषित होने से बचाने
पराली और कूड़ा जलाने पर है प्रतिबंध
संवाद सहयोगी, नजीबाबाद : हवा को प्रदूषित होने से बचाने के लिए पराली जलाने पर तो सख्ती की गई है, लेकिन इसका असर सरकारी महकमों पर होता दिखाई नहीं दे रहा है। शुक्रवार सुबह रेल ट्रैक पर काम करते समय रेलवे के श्रमिकों ने काफी मात्रा में झाड़ियों और कूड़ा-करकट को जलाया, तो धुएं का गुबार उठने लगा। कुछ देर के लिए दूर-दूर तक धुआं फैल गया।शुक्रवार सुबह करीब 8:30 बजे डबल फाटक फ्लाईओवर के नीचे रेल ट्रैक क्षेत्र में सफाई, समतलीकरण और नाली बनाने के काम में रेलवे के श्रमिक जुटे थे। इस दौरान इकट्ठा की गईं सूखी झाड़ियों और घास-फूंस का निस्तारण नहीं किया गया, बल्कि उनका ढेर लगाकर उसमें आग लगा दी गई। जिससे काफी देर तक धुएं का गुबार उठता रहा। सुबह के समय हवा चलने से धुआं दूर तक फैलता रहा। एक समय धुआं फ्लाईओवर पर छाने से लोगों को आवागमन में भी दिक्कत हुई। वहीं, प्रशासन ने खेतों में पराली जलाने, लोगों से पालीथिन, कूड़ा-करकट आदि जलाने पर जुर्माने का प्रावधान कर रखा है। कुछ जगहों खेतों पर पराली जलाने के मामले सामने आने पर प्रशासन ने जुर्माना वसूल किया है, लेकिन कुछ जगहों पर सरकारी कर्मचारी ही नियमों का उल्लंघन करते देखे जाते हैं। नगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सफाईकर्मी ही अक्सर कूड़े के ढेर को आग लगाकर जिम्मेदारी से बच जाते हैं।