बांस की बल्लियों से कटान रोकने को जद्दोजहद
मालन नदी में उफान से समीपवर्ती गांवों में कटान रोकने को बांस की बल्लियों से जद्दोजहद चल रही है। ये बांस की बल्लियां कटान रोकने में नाकाफी साबित हो रही है। उधर मंडावली क्षेत्र में यूपी-उत्तराखंड सीमा पर कोटावाली नदी और मोटा महादेव-भागूवाला बाईपास मार्ग पर बरसाती नदियों के रपटों से पानी उतरने के बाद यातायात सुचारू हुआ।
बिजनौर, जेएनएन।
मालन नदी में उफान से समीपवर्ती गांवों में कटान रोकने को बांस की बल्लियों से जद्दोजहद चल रही है। ये बांस की बल्लियां कटान रोकने में नाकाफी साबित हो रही है। उधर, मंडावली क्षेत्र में यूपी-उत्तराखंड सीमा पर कोटावाली नदी और मोटा महादेव-भागूवाला बाईपास मार्ग पर बरसाती नदियों के रपटों से पानी उतरने के बाद यातायात सुचारू हुआ।
पर्वतीय क्षेत्र में हो रही बारिश का असर सीधे तौर पर नजीबाबाद क्षेत्र से होकर गुजरने वाली बरसाती नदियों पर पड़ता है। पहाड़ों पर तेज बारिश से क्षेत्र की मालन नदी, रतनाल नदी, लकड़हान नदी, कोटावाली नदी में उफान आता है। दो दिन पहले इन नदियों में उफान आने से नदियों के आसपास बसे गांवों के लोगों की सांसें अटक गई थीं। वहीं नजीबाबाद-हरिद्वार के बीच कोटावाली नदी में उफान आने से भारी यातायात थम गया था। नजीबाबाद शहर से सटे गांव शाहपुर, खैरुल्लापुर, कछियाना बस्ती के लोग कटान होने अथवा नदी का पानी आबादी में घुसने से खासे परेशान थे। सोमवार सुबह तक मालन नदी में जलस्तर बढ़ा, लेकिन दोपहर बाद से मालन नदी, कोटावाली नदी समेत क्षेत्र की बरसाती नदियां पूरी तरह शांत हैं। वर्षा भी रुकी होने और मौसम सामान्य होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। वर्षा से खेतों को भरपूर पानी मिलने के बाद अब किसान भी मौसम सामान्य होने की उम्मीद लगाए हुए हैं।