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निर्धन बेटियों को स्वावलंबी बना रहीं आभा

गरीबी वो अभिशाप है जिसके आगे समृद्धि व आर्थिक प्रगति थम जाती है लेकिन कुछ समाजसेवी ऐसे भी हैं जो गरीबों के भविष्य को संवारने में प्रयासरत हैं। उन्हें अपने स्तर से रोजगार दिलाकर आर्थिक स्थिति में सुधार दिलाने में पूरा सहयोग कर रहे हैं ऐसा ही एक नाम है आभा सिंह।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 10:47 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 10:47 PM (IST)
निर्धन बेटियों को स्वावलंबी बना रहीं आभा
निर्धन बेटियों को स्वावलंबी बना रहीं आभा

बिजनौर, जागरण टीम। गरीबी वो अभिशाप है जिसके आगे समृद्धि व आर्थिक प्रगति थम जाती है, लेकिन कुछ समाजसेवी ऐसे भी हैं जो गरीबों के भविष्य को संवारने में प्रयासरत हैं। उन्हें अपने स्तर से रोजगार दिलाकर आर्थिक स्थिति में सुधार दिलाने में पूरा सहयोग कर रहे हैं, ऐसा ही एक नाम है आभा सिंह। जिन्होंने फाउंडेशन बनाकर गरीब बेटियों व महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें स्वरोजगार की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया है। आभा सिंह ने ठान लिया है कि गरीबों की सहायता के लिए अब जो कदम अब आगे बढ़ाए हैं, वह पीछे नहीं हटने वाले।

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चांदपुर नगर से सटे गांव स्याऊ निवासी आभा सिंह वैसे तो प्राइवेट स्कूल की प्रबंधक हैं, लेकिन गरीबों की मदद व उन्हें स्वरोजगार की मुहिम से जोड़ने की सदैव तत्पर रहती हैं। इस नेक कार्य के लिए उनके पति पुष्पराज सिंह का उन्हें भरपूर सहयोग मिलता है। विशेषकर गरीब बेटियों व महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं। इसके लिए आभा फाउंडेशन का गठन किया। जिसके माध्यम से वह गांव-गांव गरीब बेटियों को तलाशने में लग गईं। उन्हें तलाशने के बाद उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल की। यही नहीं बेटियों को स्वावलंबी बनाने के लिए नया प्रयास किया। गांव-गांव सिलाई व कढ़ाई केंद्र खोलकर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। क्षेत्र के गांव अकौंधा, इस्माईलपुर, काजीशोरा, रावटी, के अलावा नूरपुर क्षेत्र में केंद्र संचालित हैं, जहां पर तकरीबन 500 से अधिक महिलाएं व युवतियां प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। खास बात यह है कि प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकीं 50 से अधिक महिलाएं व युवतियां स्वरोजगार शुरू कर चुकी हैं, जो उनके आर्थिक प्रगति में बहुत सहायक बन चुका है। 49 बेटियों को करा चुकी हैं विवाह

महिलाओं को स्वरोजगार की मुहिम से जोड़ने के अलावा आभा सिंह का फाउंडेशन निर्धन बेटियों का विवाह भी करता रहता है। उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर सामूहिक विवाह के कार्यक्रम आयोजित कराकर 49 निर्धन बेटियों का विवाह संपन्न कराया। वहीं, उन बेटियों को स्वावलंबी बनाने के लिए तत्पर रहती हैं।


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