सर्दी शुरू होते ही चायपत्ती के दाम में आया उछाल
बिजनौर जेएनएन। सर्दी का मौसम शुरू होते ही चायपत्ती के दाम बढ़ने शुरू हो गए। पिछले एक सप्ता
बिजनौर, जेएनएन। सर्दी का मौसम शुरू होते ही चायपत्ती के दाम बढ़ने शुरू हो गए। पिछले एक सप्ताह में खुली व पैकिग चायपत्ती की कीमतों में 70 से 100 रुपये प्रतिकिलो बढ़े हैं। चाय की पत्ती की कीमत बढ़ने का कारण कोरोना काल में चायपत्ती की डिमांड बढ़ना और चाय बागानों में पर्याप्त कामगार नहीं मिलना माना जा रहा है।
कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए 25 मार्च से लागू लाकडाउन का प्रत्येक कारोबार पर असर हुआ है। त्योहारी सीजन में अब धीरे-धीरे कर कारोबार पटरी पर आने लगा है, इसलिए महंगाई भी बढ़ी है। एक सप्ताह पहले खुली चाय की पत्ती बाजार में प्रति किलोग्राम 60 से 70 रुपये कम बिक रही थी, लेकिन अब विभिन्न कंपनियों की चाय की पत्ती के दामों 90 से 100 रुपये प्रति किलो बढ़ोतरी हुई है। माना जा रहा है कि कोरोना काल में लोगों को चाय का शौकीन बना दिया है। बिजनौर, नजीबाबाद, धामपुर, चांदपुर और नगीना क्षेत्र में कोरोना से बचाव के लिए लोग चाय की पत्ती का इस्तेमाल काढ़े के रूप में कर रहे हैं। चाय की पत्ती के खपत बढ़ने का असर चाय की पत्ती के दामों पर भी पड़ेगा। देहात में पिछले तीन माह के दौरान चाय की पत्ती के दामों वृद्धि हुई है, इसलिए चाय की पत्ती ने चाय के शौकीनों का जायका बिगाड़ दिया है। कोरोना काल में जिन चीजों की सबसे ज्यादा खपत हो रही है, उनमें चाय की पत्ती भी शामिल है। थोक कारोबारियों के अनुसार जुलाई से अक्टूबर तक चाय के उत्पादन का सीजन रहता है, लेकिन इस बार फसल खराब होने की वजह से चाय की पत्ती की कीमतें बढ़ी है। व्यापारी राकेश कुमार ने बताया कि पूर्व का जो स्टॉक था, वो लाकडाउन में मिली छूट के दौरान खपत में आ गया।
-इनका कहना है कोरोना काल में चायपत्ती बागवानों से कामगार घर लौट आए। जिसका सीधा असर चायपत्ती कारोबार पर पड़ा है। चायपत्ती कारोबारियों को अपर्याप्त कामगार वजह से बागवानों से चायपत्ती के रूप में कच्चा माल नहीं मिला। चायपत्ती के दामों में उछाल आया है।
- संजीव अग्रवाल, किराना कारोबारी।