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कोरोना के साथ ही व्यवस्था की भी मार

कोरोना तो कहर बरपा ही रहा है साथ ही व्यवस्था की मार भी मरीजों पर भारी पड़ रही है। अस्पताल बेड खाली न होने का दावा कर मरीजों को भर्ती करने से कतरा रहे हैं। आला अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। आए दिन शिकायतें आ रही हैं लेकिन कोविड मरीजों के लिए चयनित अस्पताल उन्हें भर्ती नहीं कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 04:14 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 04:14 AM (IST)
कोरोना के साथ ही व्यवस्था की भी मार
कोरोना के साथ ही व्यवस्था की भी मार

बिजनौर, जेएनएन। कोरोना तो कहर बरपा ही रहा है, साथ ही व्यवस्था की मार भी मरीजों पर भारी पड़ रही है। अस्पताल बेड खाली न होने का दावा कर मरीजों को भर्ती करने से कतरा रहे हैं। आला अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। आए दिन शिकायतें आ रही हैं, लेकिन कोविड मरीजों के लिए चयनित अस्पताल उन्हें भर्ती नहीं कर रहे हैं।

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जिला अस्पताल के अतिरिक्त हल्दौर एवं समीपुर सीएचसी में कोविड मरीजों के लिए एल-2 अस्पताल बनाया गया है। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर पुलकित नर्सिग होम एवं आत्रेय हास्पिटल को एल-2 अस्पताल बनाया गया है। सरकारी अस्पताल के अतिरिक्त अन्य दोनों अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने से कतरा रहे हैं। दोनों नर्सिग होम में मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया जाता है। इसकी शिकायत जब सीएमओ से करने की कोशिश की जाती है तो वह बार-बार काल करने के बावजूद फोन रिसीव नहीं करते। --

-जिला अस्पताल में वेंटीलेटर संचालित करने को प्रशिक्षित स्टाफ नहीं जिला अस्पताल में 98 बेड का एल-2 अस्पताल है। जबकि हल्दौर एवं समीपुर सीएचसी में कोविड मरीजों के लिए 30-30 बेड का एल-2 अस्पताल है। दोनों नर्सिग होम में भी पर्याप्त बेड की व्यवस्था है। जिला अस्पताल में तो वेंटीलेटर है, लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ नहीं होने के कारण वेंटीलेटर संचालित नहीं किए जा रहे हैं। सरकारी हो या निजी अस्पताल सभी स्थानों पर आक्सीजन की कमी जगजाहिर है। -डीएम ने बुधवार को किया था निरीक्षण

जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय ने बुधवार को जिला अस्पताल में बने एल-2 अस्पताल का निरीक्षण किया था। उन्होंने सीएमएस डा. ज्ञानचंद को आवश्यकतानुसार मरीजों को भर्ती करने एवं हल्दौर एल-2 अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी को गंभीर मरीजों को टीएमयू मुरादाबाद रेफर करने के निर्देश दिए थे। कई लोगों ने डीएम से नर्सिग होम में कोरोना संक्रमितों को भर्ती नहीं करने की शिकायत भी की थी। -आक्सीजन नहीं मिलने हो रहीं मौतें

जिले में आक्सीजन न मिलने से मरीजों की मौत होने की बात तीमारदार कहते रहे हैं। साधन संपन्न लोग तो किसी प्रकार अपने मरीजों के लिए आक्सीजन की व्यवस्था कर ही लेते है लेकिन सामान्य लोगों को आक्सीजन के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। जिले में हल्दौर एवं नजीबाबाद में आक्सीजन के प्लांट हैं। पिछले कई दिनों से नजीबाबाद और हल्दौर का प्लांट बंद है। डीआई आशुतोष मिश्रा बताते है कि लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की कमी के कारण दोनों प्लांट बंद है। 93 सिलेंडर मुरादाबाद से रिफिल कर मंगाए जा रहे हैं। सभी सरकारी अस्पताल कें पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन उपलब्ध है।


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