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30 मीटर गहराई में बह रही गंगा लगातार कर रही कटान

बिजनौर जेएनएन। गंगा एवं बरसाती नदियों में उफान आने पर कटान की स्थिति को देखते हुए स्थानीय

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 10:25 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 10:25 PM (IST)
30 मीटर गहराई में बह रही गंगा लगातार कर रही कटान
30 मीटर गहराई में बह रही गंगा लगातार कर रही कटान

बिजनौर, जेएनएन। गंगा एवं बरसाती नदियों में उफान आने पर कटान की स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। तीन क्षेत्रों में बाढ़ आश्रय स्थल बनाए गए हैं। गुरुवार को एसडीएम एवं तहसीलदार ने गौसपुर क्षेत्र का दौरा कर ग्रामीणों को कटान क्षेत्र में नहीं जाने की हिदायत दी।

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पर्वतीय इलाकों में तेज बारिश का असर गंगा के बढ़े जलस्तर और बरसाती नदियों में उफान के रूप में नजर आ रहा है। हालांकि अभी क्षेत्र में बाढ़े जैसे हालात नहीं हैं, लेकिन अन्य राज्यों में बाढ़ से खासे नुकसान को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रशासनिक टीमें अलर्ट हुई हैं। गुरुवार को एसडीएम संगीता एवं तहसीलदार राधेश्याम शर्मा ने राजस्वकर्मियों के साथ गंगा तट पर बसे गांव गौसपुर का दौरा किया। एसडीएम गांव की आबादी से करीब 100 से 150 मीटर दूर गंगा से हो रहे कटान क्षेत्र में पहुंची। उन्होंने देखा कि गंगा जमीन की सतह से करीब 30 से 40 मीटर नीचे बह रही है, लेकिन कटान हो रहा है। उन्होंने गंगा किनारे स्थित खेतों के किसानों और गंगा किनारे के आसपास बसे ग्रामीणों से बात की। एसडीएम ने किसानों को स्पष्ट किया कि वे किसी भी सूरत में गंगा के किनारे नहीं जाएं। प्रशासन द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। कटान से जिन किसानों के खेत अथवा फसल को नुकसान होगा, उन्हें मुआवजा दिलाया जाएगा।

-तीन जगह बनाए गए बाढ़ आश्रय स्थल

गंगा से गौसपुर क्षेत्र में लगातार कटान की स्थिति को देखते हुए नूतन इंटर कॉलेज तिसोतरा में आश्रय स्थल बनाया गया है। इस केंद्र पर व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी तहसील के राजस्व निरीक्षक को सौंपी गई है। कोटावाली नदी में उफान आने पर जूनियर हाईस्कूल भागूवाला में एडीओ पंचायत के निगरानी में बाढ़ आश्रय स्थल बनाया गया है। वहीं, मालन नदी में उफान आने पर खैरुल्लापुर एवं आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए एमडीएस इंटर कॉलेज नजीबाबाद में नायब तहसीलदार के निगरानी में बाढ़ आश्रय स्थल बनाया है।

-ग्रामस्तरीय कमेटी को दिए निर्देश

बढ़ते कटान एवं बाढ़ की आशंका को देखते हुए ग्रामस्तरीय कमेटी को पल-पल की रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी गई है। ग्राम स्तरीय कमेटी में ग्राम प्रधान, लेखपाल, पंचायत सचिव को शामिल किया गया है।


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