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एक झटके में 11 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नौकरी समाप्त

जेएनएन बिजनौर। नगर पंचायत बढ़ापुर के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र कुमार अग्रवाल के कार्यकाल में 2

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:29 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:29 PM (IST)
एक झटके में 11 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नौकरी समाप्त
एक झटके में 11 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नौकरी समाप्त

जेएनएन, बिजनौर। नगर पंचायत बढ़ापुर के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र कुमार अग्रवाल के कार्यकाल में 28 वर्ष पूर्व नियुक्त किए गए ग्यारह कर्मचारियों को उच्च न्यायालय इलाहाबाद से उनके पक्ष में पारित स्थगन आदेश निरस्त होने के बाद अधिशासी अधिकारी ने उन्हें सेवा से हटा दिया।

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वर्ष 1989 से 1994 के दौरान पूर्व चेयरमैन नरेंद्र कुमार अग्रवाल के कार्यकाल में 13 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। जिनकी नियुक्ति को वर्ष 2003 में पूर्व चेयरमैन शराफत हुसैन के कार्यकाल में प्रशासन द्वारा एक जांच के दौरान अवैध माना गया और तब डीएम रहे राजाराम उपाध्याय ने शासन के आदेश पर इन्हें हटाने के आदेश किए थे। तब इन प्रभावित कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अपनी बहाली को लेकर याचिका दायर की। जिस पर उच्च न्यायालय ने कर्मचारियों के पक्ष में आदेश पारित कर दिया था। तब से ये कर्मचारी नौकरी कर रहे थे। इनमें से दो कर्मचारी सुरेंद्र व शफीक सेवानिवृत्त हो गए। इसी बीच शफीक ने अपनी उम्र को लेकर उच्च न्यायालय में सेवानिवृत्ति को चुनौती दी।

मामला न्यायालय में चला तो वर्ष 2003 में दायर रिट संख्या 33692 में 24 अगस्त 2018 को पारित एक आदेश ने इन सेवानिवृत्त दोनों कर्मचारियों के साथ साथ उन 11 कर्मचारियो को भी दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया, जो स्थगन आदेश मिलने के बाद से लगातार नौकरी कर रहे थे। इस दो वर्ष पुराने आदेश में न्यायालय ने स्थगन आदेश निरस्त कर दिया था। जिसका पता न कर्मचारियों को चला और न ही नगर पंचायत प्रशासन को। यह 11 कर्मचारी स्थगन आदेश निरस्त होने के बाद भी लगातार कार्य करते रहे और वेतन लेते रहे। न्यायालय के आदेश का पता चलते ही अधिशासी अधिकारी सेवाराम राजभर ने 25 नवंबर को इन 11 कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया है। इस संबंध में प्रभावित कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है।

-इनका कहना है

कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में जो स्थगन आदेश दिया था, वह निरस्त होने पर कर्मचारियों को हटाया गया है। बाकी कार्रवाई विधि परामर्श के बाद की जाएगी।

-सेवाराम राजभर, अधिशासी अधिकारी बढ़ापुर।


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