रावण से अपमानित विभीषण पहुंचे प्रभु श्रीराम की शरण में
जागरण संवाददाता बाबूसराय (भदोही) बजरंग रामलीला समिति सारीपुर के तत्वावधान में चल रही र
जागरण संवाददाता, बाबूसराय (भदोही) : बजरंग रामलीला समिति सारीपुर के तत्वावधान में चल रही रामलीला में सातवें दिन मंगलवार की रात विभीषण शरणागति व अंगद रावण संवाद की लीला का मंचन किया गया। ठंड के बाद भी देर रात तक लीला स्थल पर डटे दर्शक जयकारे लगाते रहें।
लीला में दिखाया गया कि बजरंग बली लंका दहन कर मां सीता से उनकी चूड़ामणि लेकर लौटते हैं। प्रभु श्रीराम को सीता जी का हाल बताते हैं। प्रभु सीता खी खबर पर रो पड़ते हैं। उधर लंका में रावण अपने मंत्रियों से विचार कर रहा है कि सागर उस पार बैरी की सेना खड़ी है। हम लोगों को क्या करना चाहिए। इस पर उसके मंत्री कहते हैं कि महाराज आप आराम से रहें हम लोग उन बंदरों को खा डालेंगे। इस पर विभीषण आते हैं और रावण को समझाने का प्रयास करते हैं की पर नारी को अपने राज्य में रखकर आप बहुत गलती कर रहे हैं। भगवान श्रीराम को उनकी पत्नी को लौटाकर उनकी शरण में चला जाना चाहिए। इस पर भरी सभा में रावण विभीषण के ऊपर चरण प्रहार करता है। विभीषण दुखी होकर प्रभु श्रीराम के शरण में पहुंच जाते हैं। युद्ध से पहले रामादल से अंगद को शांति दूत बनाकर लंका भेजा जाता है। जहां अंगद व रावण का संवाद होता है। यहीं लीला को विराम दे दिया जाता है। इस मौके पर रविकुमार दुबे, अजय कुमार दुबे, बलजोर पाल, भाईजी दुबे, शमशेर बहादुर यादव, अजीत यादव, सुशील दुबे व अन्य थे।