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सर्विसलेन पर हिचकोले खाते रहे वाहन, उल्टी करते दिखे मुसाफिर

इंदिरा मिल ओवरब्रिज स्थित सर्विसलेन पर आज वाहन हिचकोले खा रहे है। भारी भरकम गड्डों में जलजमाव होने से वाहनों की पलटने की आशंका बनी हुई है। राहगीरों को आवागमन में भारी असुविधा हो रही है बावजूद इसके संबंधित अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं। लंबे समय से परेशानी का सबब बने ओवरब्रिज स्थित पूर्वी लेन का निर्माण कार्य राज्यपाल के आगमन के बहाने आनन फानन में कर दिया गया। इससे लोगों को भारी राहत मिल गई है लेकिन पश्चिमी लेन आज भी उपेक्षा की शिकार है। वगड्ढों में जलजमाव होने के कारण आए दिन वाहन फंस जाते हैं। कई बार तो बड़े वाहन पलट भी चुके हैं। बावजूद इसके प्रशासन इसकी सुधि नहीं ले रहा है। इसके चलते गंभीर दुर्घटना की आशंका हुई थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 05:50 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 05:50 PM (IST)
सर्विसलेन पर हिचकोले खाते रहे वाहन, उल्टी करते दिखे मुसाफिर
सर्विसलेन पर हिचकोले खाते रहे वाहन, उल्टी करते दिखे मुसाफिर

जास, भदोही : इंदिरा मिल ओवरब्रिज स्थित सर्विसलेन पर वाहन हिचकोले खाते दिखे। भारी भरकम गड्ढों में जलजमाव होने से कई वाहन पलटने से बचे। शनिवार को दोपहर गुजर रही सवारी बसों में मुसाफिर उल्टियां करते हुए दिखे। आवागमन में उन्हें भारी असुविधा झेलनी पड़ी। यहां हाइवे लंबे समय से परेशानी का सबब बना है। राज्यपाल के आगमन के बहाने आनन-फानन में ओवरब्रिज स्थित पूर्वी लेन का निर्माण कार्य करा दिया गया। पश्चिमी लेन आज भी उपेक्षित है। जलजमाव होने के कारण यहां वाहन फंस रहते हैं। ओवरब्रिज के दोनों ओर की सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी थी। माल वाहक वाहन फंस जाते थे। बारिश के दौरान भारी जलजमाव होने से कई बार ट्रकों के फंसने व पलटने की घटना हुई। सेतु निगम को बनवाने के लिये जिम्मेदारी सौंपी गई। निगम ने गड्ढों में ईंटे भरवा दिए। प्रशासन ने दोनों सर्विसलेन का निर्माण कराने का आदेश दिया था लेकिन पूर्वी लेन के निर्माण के बाद कार्यदाई संस्था निर्माण समाग्री व अन्य संसाधन लेकर गायब हो गई। समझा जा रहा था कि जल्द ही उक्त लेन का भी उद्धार होगा लेकिन दो माह बीतने के बाद भी कार्यदाई संस्था पलट कर नहीं आई।

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ओवरब्रिज के दोनों ओर खतरे : इंदिरा मिल स्थित नवनिर्मित ओवरब्रिज के दोनों सिरे की सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। पांच से सात फीट के गड्ढे हो चुके हैं। उसी मार्ग से आवागमन करना वाहन चालकों की विवशता है। सौ मीटर की दूरी तय करने में चालकों के पसीने छूट जाते हैं। मामूली लापरवाही होते ही वाहन पलटने का खतरा बना रहता था। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि समस्या लंबे समय से परेशानी का सबब बनी है लेकिन प्रशासन द्वारा नजर अंदाज किया जा रहा है।


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