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शातिर लुटेरा पुलिस के गिरफ्त में

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): सुरियावां थाना क्षेत्र के कौड़र गांव के मुख्य गेट के पास

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Apr 2018 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 08 Apr 2018 10:29 PM (IST)
शातिर लुटेरा पुलिस के गिरफ्त में
शातिर लुटेरा पुलिस के गिरफ्त में

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): सुरियावां थाना क्षेत्र के कौड़र गांव के मुख्य गेट के पास रविवार को पुलिस मुठभेड़ में अंतरजनपदीय लुटेरा गिरोह के सरगना रामचंद्र मौर्या उर्फ नेता को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसका सहयोगी सत्यभान उर्फ दग्धा फरार होने में सफल रहा। उसके पास से चोरी की दो बाइक और दो तमंचा सहित चार देशी बम बरामद किया। इस सराहनीय कार्य के लिए टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की।

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पुलिस लाइन सभागार में पत्रकारों से बातचीत में पुलिस अधीक्षक स¨चद्र पटेल ने बताया कि अपराध की रोकथाम के लिए क्राइम ब्रांच की टीम निर्देशित किया गया था। क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी कि अंतरजनपदीय लुटेरा गिरोह का सरगना कोल्हुआ पांडेयपुर निवासी रामचंद्र मौर्य अपने साथ के साथ हत्या और लूट की योजना बना रहा है। इसी बीच सुरियावां और क्राइम ब्रांच की टीम ने हल्की मुठभेड़ में सरगना रामचंद्र मौर्य को गिरफ्तार कर लिया जबकि उसका एक साथी सुरियावां के ¨सहपुर गांव निवासी सत्यभान उर्फ दग्धा फरार हो गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उसके खिलाफ इलाहाबाद, वाराणसी सहित अन्य जनपदों में चालीस से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

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पुरस्कृत टीम

पुलिस अधीक्षक ने सराहनीय कार्य करने वाली टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की। इसमें उप निरीक्षक अजय ¨सह, सचिन झां, इदु प्रकाश, अजय ¨सह यादव, मेराज अली, अनिरुद्ध बैसवार, सर्वेश राय, सुभाष ¨सह, प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र कुमार यादव आदि शामिल रहे।

-बगल झांकने लगते हैं पुलिस अफसर

अंतरजनपदीय लुटेरा गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर सुरियावां पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम खूब वाहवाही बटोरने में जुटी रही। सोशल मीडिया पर भी यह खुलासा खूब छाया रहा है। दुर्दांत अपराधी पकड़ लेते हैं लेकिन जब कोई सवाल करता है कि सुरियावां के शराब माफिया क्यों गिरफ्तार नहीं कर रहे हैं तो पुलिस कर्मी के साथ ही साथ उनके अफसर भी बगल झांकने लगते हैं। अहम सवाल यह है कि आखिर पुलिस शराब माफियाओं को गिरफ्तार करने में हिचक क्यों रही है। उनके नाम लेने से ही मुंह क्यों मोड़ने लगती है। क्राइम ब्रांच की टीम क्या कर रही है। इसके पीछे कोई समझौता तो नहीं हुआ है। इस तरह के सवाल भी उठना लाजिमी है। वह इसलिए कि दो माह बाद भी पुलिस की पकड़ से आरोपी बाहर हैं।


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