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समयबद्ध निरंतरता से आनलाइन शिक्षा का मिलेगा लाभ

कोरोना संक्रमण के चल रहे इस दौर में स्कूल-कालेज सभी बंद हैं। बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के बच्चों-विद्यार्थियों को शैक्षिक सपोर्ट देने के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन का दावा तो किया जा रहा है लेकिन वास्तविक धरातल पर स्थिति यही है कि 50 फीसद बच्चे भी इसका लाभ नहीं उठा पा रहे है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 06:43 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 06:43 PM (IST)
समयबद्ध निरंतरता से आनलाइन शिक्षा का मिलेगा लाभ
समयबद्ध निरंतरता से आनलाइन शिक्षा का मिलेगा लाभ

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कोरोना संक्रमण के चल रहे इस दौर में स्कूल-कालेज सभी बंद हैं। बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के बच्चों-विद्यार्थियों को शैक्षिक सपोर्ट देने के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन का दावा तो किया जा रहा है लेकिन वास्तविक धरातल पर स्थिति यही है कि 50 फीसद बच्चे भी इसका लाभ नहीं उठा पा रहे है। इसके पीछे कारण यह माना जा रहा है कि जहां छोटी कक्षाओं में पढ़ रहे तमाम बच्चों के पास मोबाइल का अभाव है तो बड़ी कक्षाओं में भी आनलाइन कक्षा संचालन का कोई तय समय न होने से छात्र-छात्राएं लाभ नहीं हासिल कर पा रहे हैं। ऐसे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी गाइड-लाइन से कक्षाओं के संचालन में समयबद्ध निरंतरता आएगी। जिसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही एक से लेकर अधिकतम तीन घंटे तक ही ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करने के निर्णय से बच्चों में ऊबन भी नहीं आएगी।

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- जब एक निश्चित समय पर आनलाइन कक्षाएं संचालित होगी तो अधिक छात्र-छात्राएं जुड़ सकेंगी। क्योंकि इसके लिए वह पहले से ही तैयार रहेंगे कि अब उनकी कक्षाएं शुरू होंगी। इसके साथ ही प्रति दिन कक्षा का संचालन हो।

- चित्र.29--गौरव यादव

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- कभी 10 तो कभी 12 बजे आनलाइन कक्षा चलने का कोई मतलब नहीं है। इससे छात्र-छात्राएं यह नहीं तय कर पाते कि वह किस समय अपने को पढ़ाई के लिए तैयार रखें। निश्चित समय व प्रति दिन आनलाइन कक्षाएं चलनी चाहिए।

चित्र.30--अंकिता शुक्ला

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- घर पर मोबाइल तो है लेकिन पापा लेकर काम पर चले जाते हैं। इससे उन्हें जब मोबाइल मिलता है तभी उसे देखकर होमवर्क पूरा कर लेते हैं। जब एक समय पर ही रोज होमवर्क आएगा तो उस समय हम मोबाइल लेकर पढ़ सकते हैं।

चित्र.31-- आदित्य

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- मोबाइल बड़ों के पास होता है। ऐसे में जब एक समय तय होगा तभी उन्हें आनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल मिल सकेगा। पूरे दिन रह-रहकर भेजे जा रहे होमवर्क को वह करना तो दूर देख भी नहीं पाते हैं।

चित्र.32---शांतनु

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मंत्रालय की गाइड-लाइन सही निर्णय

- एक से तीन घंटे का समय कम नहीं पर्याप्त है। आनलाइन स्क्रीन के सामने बैठकर इससे ज्यादा पढ़ाई करने में भी दिक्कत आती है। जरूरत यह है कि आनलाइन कक्षा संचालन के लिए एक निश्चित समय तय करनी चाहिए। साथ ही निरंतरता बनानी चाहिए। तभी अधिक विद्यार्थी बजरिये वेबिनार जुड़कर इसका लाभ हासिल कर सकते हैं। मंत्रालय की ओर से जारी गाइड-लाइन बिलकुल सही निर्णय है।

- चित्र.33 --डॉ. रत्नेश सोनी. असिस्टेंट प्रोफेसर जंतु विज्ञान, काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय।


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