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बजट के बाद भी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम की प्रगति शून्य

शासन की मंजूरी धन आवंटन के बाद भी ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jun 2022 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jun 2022 05:18 PM (IST)
बजट के बाद भी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम की प्रगति शून्य
बजट के बाद भी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम की प्रगति शून्य

बजट के बाद भी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम की प्रगति शून्य

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जागरण संवाददाता, भदोही : शासन की मंजूरी, धन आवंटन के बाद भी भदोही में प्रस्तावित सालिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम की प्रगति शून्य है। अधिकारियों की उदासीनता के चलते शासन की इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर संकट मंडरा रहा है। अधिकारियों ने सक्रियता नहीं दिखाई तो पिछली बार की तरह इस बार भी बजट वापस करना पड़ जाएगा। 5.66 करोड की परियोजना को एक साल पहले शासन ने स्वीकृति दी थी।

आठ माह पहले 2.83 करोड़ रुपये कर अवमुक्त चार माह में कार्य पूरा करने का समय निर्धारित किया था। इस बीच जमीन के सीमांकन में जहां राजस्व विभाग ने दो माह का समय ले लिया वहीं विधानसभा चुनाव परियोजना की राह में बाधक साबित हुआ। उधर कार्य अवधि की सीमा पूरी होने व निर्माण सामग्री की कीमत में भारी उछाल को देखते हुए कार्यदाई संस्था ने कदम पीछे खींच लिए। दो माह से अधिक हो गए लेकिन अब तक नया टेंडर भी किया गया। ऐसे में परियोजना को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पिछले दिनों कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने निर्माण एजेंसी कंट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएनडीएस) के अधिकारियों से पूछताछ की थी। बताया गया था मुख्यालय लखनऊ से टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है।

तीन साल पूर्व बनाई गई थी योजना

नगरीय क्षेत्रों को कूड़ा मुक्त करने के लिए तीन साल पहले योजना बनाई गई थी। इसके लिए करीब डेढ साल पहले प्रशासन ने पिपरिस के बरखंडी गांव में 10 एकड़ भूमि चिहि्नत कर पालिका के नाम कर दिया था। स्टीमेट तैयार करने में काफी विलंब हुआ। जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद एक साल पहले शासन को स्टीमेट भेजा गया था। शासन ने स्कीम के लिए 5.66 करोड रुपये स्वीकृत किए थे। इस बीच टेंडर भी करा लिया गया था। टेंडर होने के बाद अधिकारियों ने अगस्त 2021 के अंतिम सप्ताह में कार्य प्रारंभ होने की उम्मीद जताई थी लेकिन शासन से वित्तीय स्वीकृति न मिलने के कारण मामला फंस गया था। अक्टूबर 2021 के दूसरे सप्ताह में वित्तीय स्वीकृति मिलने व धन अवमुक्त होने के बाद निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया था।

नए सिरे से जारी होगा टेंडर

निर्माण की जिम्मेदारी प्रयागराज की संस्था को सौंपी गई थी। निर्धारित समय के अनुसार जमीन उपलब्ध न होने के कारण उसने काम करने से मना कर दिया है। लखनऊ स्थित मुख्यालय द्वारा जल्द ही नए सिरे से टेंडर जारी किया जाएगा।

श्रीप्रकाश त्रिपाठी, प्रोजेक्ट मैनेजर (सीएनडीएस)।


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