जांच के लिए भटकता रहा मरीज, नहीं मिली मदद
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भले ही मरीजों को सुविधा मुह
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भले ही मरीजों को सुविधा मुहैया कराने के लिए दावा कर रहे हों लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। सांस लेने में दिक्कत होने पर एक मरीज जांच के लिए इधर-उधर भटकता रहा लेकिन कहीं पर भी उसकी मदद नहीं हो सकी। चौबीस घंटे सेवा करने के लिए बना कंट्रोल रूम भी हाथ खड़ा कर दिया। आखिरकार उन्हें बगैर इलाज कराए ही घर वापस होना पड़ा।
चेरापुर गांव निवासी सुरेंद्र उपाध्याय की तबीयत तीन दिन से खराब चल रही थी। मंगलवार को शाम सांस लेने में अधिक दिक्कत होने पर परिवार के लोग उन्हें लेकर सीधे एल-2 अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल प्रशासन कोरोना की जांच कराकर रिपोर्ट मांगने लगे। इसके बाद वह जांच के लिए इधर-उधर भटकता रहा। कंट्रोल रूम के अलावा कई अधिकारियों से बात भी की लेकिन को संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिला सर्विंलांस अधिकारी डा. अमित दुबे व गोपीगंज सीएचसी अधीक्षक डा. आशुतोष पांडेय से संपर्क करने पर भी जांच नहीं कराई जा सकी। थक हारकर परिवार के लोग मरीज को लेकर घर चले गए।
200 रुपये दें, तत्काल सेवा लें
- कोरोना संक्रमण में भी चिकित्सक और अधिकारी जहां जान हथेली पर लेकर सेवा में जुटे हैं तो वहीं जिला पंचायत बालिका इंटर कालेज गोपीगंज में स्वैब जांच में विशेष सुविधा देने के लिए 200 रुपये वसूल रहे हैं। कोरोना जांच के लिए केंद्र पर कतार न लगानी पड़े इसलिए प्रवासी जुगाड़ विधि से जांच कराने में जुट जाते हैं। कतार में लगे लोग अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं और यहां पर तैनात कर्मचारी 200 रुपये लेकर सबसे पहले दूसरे की जांच कर देते हैं।