निगरानी बढ़ी, गांवों में भी पहुंचे पशु चिकित्साकर्मी
कानपुर में संक्रमण की पुष्टि व अन्य जिलों में मृत मिल रहे पक्षियों की सामने आती घटनाओं को देखते हुए एवियन इंफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण को लेकर जिले में निगरानी और बढ़ा दी गई है। भले ही जिले में संक्रमण को लेकर किसी तरह की संदिग्ध स्थिति नहीं सामने नहीं आई है लेकिन पशुपालन विभाग के चिकित्सकों व अन्य कर्मियों ने शनिवार को जहां कई पोल्ट्री फार्मों का निरीक्षण किया तो वहीं गांवों में पहुंचकर मुर्गी पालन में लगे लोगों को भी सुरक्षा व बचाव को लेकर जागरुक किया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कानपुर में संक्रमण की पुष्टि व अन्य जिलों में मृत मिल रहे पक्षियों की सामने आती घटनाओं को देखते हुए एवियन इंफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण को लेकर जिले में निगरानी और बढ़ा दी गई है। भले ही जिले में संक्रमण को लेकर किसी तरह की संदिग्ध स्थिति नहीं सामने नहीं आई है लेकिन पशुपालन विभाग के चिकित्सकों व अन्य कर्मियों ने शनिवार को जहां कई पोल्ट्री फार्मों का निरीक्षण किया तो वहीं गांवों में पहुंचकर मुर्गी पालन में लगे लोगों को भी सुरक्षा व बचाव को लेकर जागरुक किया।
पशु चिकित्साधिकारी डा. विजय शंकर पटेल ने रविवार को अभोली ब्लाक के वीरभद्रपट्टी गांव में पहुंचकर प्रभात सिंह, चंदन सिंह व मु. मुमताज के पोल्ट्री फार्मों का निरीक्षण किया। सभी को निर्देशित किया कि साफ-सफाई रखें। साथ ही चूने व फार्मेलिन सहित अन्य दवाओं का छिड़काव कराते रहें। बीमार मुर्गियों को फार्म से अलग करने व उनकी बिक्री न करने की भी हिदायत दी। इसी तरह डा. एसके शुक्ला ने डीघ ब्लाक क्षेत्र के कालिका नगर, गोलखरा आदि गांवों में पहुंचकर मुर्गी का पालन कर रहे लोगों को जागरुक किया।
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ग्राहक घटे, डेढ़ सौ रुपये किलो बिका चिकन
बर्ड फ्लू को लेकर मची हलचल के चलते चिकन के ग्राहक घट चुके हैं। वैसे दाम में कोई खास गिरावट नहीं आई है। शनिवार को 150 रुपये किलो की दर से चिकन की बिक्री की गई। गोपीगंज नगर में चिकन बिक्री का काम करने वाले वसीम, मंगला आदि ने बताया कि पहले के सापेक्ष अब केवल 25 फीसद ग्राहक ही आ रहे हैं। बिक्री काफी घट चुकी है लेकिन पोल्ट्री फार्म संचालकों की ओर से दाम नहीं कम किया जा रहा है। इसके चलते वह भी दाम गिराकर नहीं बेच पा रहे हैं।
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मछली विक्रेताओं की कट रही चांदी
- बर्ड फ्लू को लेकर जहां चिकन की बिक्री में गिरावट आई है तो मछली विक्रेताओं की चांदी कटने लगी है। दरअसल, ठंड के मौसम में मांस-मछली की बिक्री में अमूमन वृद्धि हो जाती है। ऐसे समय में बर्ड फ्लू का मामला सामने आ जाने के चलते लोग चिकन से परहेज करने लगे हैं। वह चिकन के बजाय मछली की खरीद को तरजीह दे रहे हैं। इससे मछली विक्रेताओं को राहत मिली है।