Move to Jagran APP

शॉपिग कांप्लेक्स की जांच से हटाए गए अधीक्षण अभियंता

जिले में निर्माणाधीन परियोजनाओं में कमीशन के खेल के सामने गुणवत्ता और मानक पूरी तरह फेल होती दिख रही है। बानगी के तौर पर भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण को देखा जा सकता है। यहां पर करोड़ों रुपये के निर्माणाधीन व्यवसायिक भवन की जांच शुरू होते ही महकमे में खलबली मच गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 04:00 AM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 04:00 AM (IST)
शॉपिग कांप्लेक्स की जांच से हटाए गए अधीक्षण अभियंता
शॉपिग कांप्लेक्स की जांच से हटाए गए अधीक्षण अभियंता

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जिले में निर्माणाधीन परियोजनाओं में कमीशन के खेल के सामने गुणवत्ता और मानक पूरी तरह फेल होती दिख रही है। बानगी के तौर पर भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण को देखा जा सकता है। यहां पर करोड़ों रुपये के निर्माणाधीन व्यवसायिक भवन की जांच शुरू होते ही महकमे में खलबली मच गई। पीडब्ल्यूडी मीरजापुर के अधीक्षण अभियंता अनिल मिश्रा ने जब अभिलेख पर अभिलेख मांगना शुरू किया तो उनके ऊपर ही गाज गिर गई और जांच से अलग कर दिया गया। मार्केटिग मैनेजर अमिताभ रंजन दास ने कह दिया कि निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है इसीलिए जांच की आवश्यकता नहीं है। यह पत्र कमेटी के अधिकारियों के पास पहुंचते ही खलबली मच गई।

loksabha election banner

-

दूसरी कंपनी पूरा करेगी अधूरा कार्य

भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से करोड़ों रुपये की लागत से व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण कराया जा रहा है। बीडा अधिकारियों के अनुसार निर्माण एजेंसी दुग्गल एसोसिएट द्वारा समय से कार्य पूर्ण नहीं कराया गया इसलिए उसे काली सूची में डालते हुए कार्य दूसरे को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसी बीच मामले की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम गठित कर जांच करने का निर्देश जारी कर दिया। इस टीम में मीरजापुर के अधीक्षण अभियंता को शामिल किया गया था।

-

गर्दन बचाने में जुटे इंजीनियर

अधीक्षण अभियंता ने तकनीकी खामियों को पकड़ लिया था। उनके द्वारा बार-बार अभिलेख मांगे जा रहे थे। अभिलेख उपलब्ध कराने को कौन कहे, बीडा के अभियंताओं ने अपनी गर्दन बचाने के चक्कर में अधीक्षण अभियंता को ही टीम से हटवा दिया। उनके स्थान पर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता को शामिल करा दिया। यह सब कुछ चल ही रहा था कि मार्केटिग मैनेजर के पत्र ने जांच अधिकारियों की नींद उड़ा दी।

-

कई और विभागों में मनमानी

जिला से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक अभियंताओं का जादू चल रहा है। बीडा के अवर अभियंता जब मन आए तब प्रदेश मुख्यालय से आदेश पारित करवा दे रहे हैं। बीडा, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अवर अभियंता जहां मन आया वहीं खड़े होकर स्टीमेट और एमबी तैयार कर दे रहे हैं। काम हो अथवा न हो लेकिन उनकी हथेली गरम होनी चाहिए। गांव में अभियंता कभी नहीं जाते हैं लेकिन लाखों का स्टीमेट और एमबी कर दे रहे हैं। अधिकारियों के लिए तो वह कामधेनु साबित हो रहे हैं।

-

बीडा के व्यवसायिक प्रतिष्ठान की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। कमेटी के अधिकारी जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे। मार्केटिग मैनेजर इस संबंध में पत्र नहीं लिख सकते हैं। हो सकता है जो अभिलेख मांगे जा रहे थे उस संबंध में उनके द्वारा कोई पत्र लिखा गया हो। बहरहाल टीम जांच करेगी। इसमें किसी भी प्रकार का संशय नहीं है।

राजेंद्र प्रसाद, जिलाधिकारी।

-

निर्माण एजेंसी को काली सूची में डाल दिया गया है। इस बाबत जांच न करने के लिए पत्र भेजा गया है। यह बीडा की अपनी नीतिगत मामला है। अफसरों की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद पत्र जारी किया गया था।

अमिताभ रंजन दास, मार्केटिग मैनेजर बीडा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.