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सूपर्णखा नासिका छेदन व सीताहरण का मंचन

क्षेत्र के धनापुर में चल रहे सात दिवसीय रामलीला में पांचवें दिन मंगलवार की रात सूपर्णखा नासिका छेदन व सीताहरण का मंचन किया गया। इस दौरान पहुंचे अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव व गंगा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने प्रभु श्रीराम कि आरती कर रामलीला की शुरुआत की। कहा की रामलीला सनातन धर्म को जीवित रखने का बेहतर माध्यम है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 06:12 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:12 PM (IST)
सूपर्णखा नासिका छेदन व सीताहरण का मंचन
सूपर्णखा नासिका छेदन व सीताहरण का मंचन

जागरण संवाददाता, चौरी (भदोही) : क्षेत्र के धनापुर में चल रहे सात दिवसीय रामलीला में पांचवें दिन मंगलवार की रात सूपर्णखा नासिका छेदन व सीताहरण का मंचन किया गया। इस दौरान पहुंचे अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव व गंगा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने प्रभु श्रीराम कि आरती कर रामलीला की शुरुआत की। कहा की रामलीला सनातन धर्म को जीवित रखने का बेहतर माध्यम है।

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कलाकारों ने मंचन किया कि श्रीराम सीता व लक्ष्मण सहित दंडक वन में पहुंच जाते हैं। जहां सूपर्णखा पहुंचती है। लक्ष्मण द्वारा उसके नाक-कान काट दिये जाते हैं। फिर राम के हाथों खर व दूषण का वध होता है। यह समाचार सूपर्णखा अपने भाई रावण को बताती है। फिर रावण सीता के हरण की योजना बनाती है। योजनानुसार मारीच सोने का मृग बनकर सीता की कुटिया के पास जाता है। सीता राम से सोने के मृग की छाल लाने को कहती हैं। इस प्रकार मारीच राम व लक्ष्मण को बहलाकर दूर ले जाता है। इधर रावण साधू का भेष धारण कर सीता को हर ले जाता है। दोनों भाई सीता खोज के दौरान वन मे सबरी से मिलते है। सबरी उन्हे सुग्रीव के विषय में बताती है। यहीं मंचन समाप्त हो जाता है। इस मौके पर कमला प्रसाद त्रिपाठी, प्रमोद त्रिपाठी, गौरव शर्मा, राजेश आदि थे।


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