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भदोही में मेला आयोजन से छोटे उद्यमियों को अधिक लाभ

जागरण संवाददाता भदोही भदोही में अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले के आयोजन को लेकर उद्यमियों में

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 05:00 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 05:00 PM (IST)
भदोही में मेला आयोजन से छोटे उद्यमियों को अधिक लाभ
भदोही में मेला आयोजन से छोटे उद्यमियों को अधिक लाभ

जागरण संवाददाता, भदोही : भदोही में अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले के आयोजन को लेकर उद्यमियों में हर्ष है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) द्वारा आयोजन की तिथि घोषित करने के बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है, वहीं लोग अपने ढंग से तैयारियों में जुट गए हैं। लंबे समय से आयोजन की राह देख रहे छोटे व मझोले उद्यमियों को इसके लाभ की उम्मीद जगी है। मेले में भागीदारी से वंचित छोटे निर्यातकों को मेगा मार्ट में अपने उत्पादों के प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। आयोजक सीईपीसी भी छोटे व मझोले उद्यमियों को बढावा देने के लिए गंभीर है। इसके लिए मेले में विशेष व्यवस्था करने की योजना बनाई जा रही है। कितने निर्यातकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। मेले में स्टाल लगाने के लिए कितना किराया वहन करना होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है बावजूद इसके भदोही में आयोजन का सपना सच होने से व्यवसायियों में उत्साह देखा जा रहा है।

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देश से होने वाले कालीन निर्यात में भदोही-मीरजापुर की भागीदारी 55 से 60 फीसद है। देश व विदेश में आयोजित कालीन मेलों में भदोही-मीरजापुर परिक्षेत्र के निर्यातकों की संख्या भी 50 से 60 फीसद होती है। यही कारण है कि भदोही में मेला आयोजन की मांग लंबे समय से की जा रही थी। कारपेट सिटी में 180 करोड़ की लागत से मेगा मार्ट का निर्माण होने के बाद मेला आयोजन की तैयारी तीन साल पहले से ही की जा रही थी लेकिन विभिन्न कारणों से आयोजन टलता रहा।

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भदोही में कालीन मेले का आयोजन होने से हर वर्ग के उद्यमियों को लाभ मिलेगा। विशेषकर छोटे व मझोले उद्यमियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन का सुनहरा अवसर होगा। इसके लिए परिषद द्वारा विशेष व्यवस्था की जाएगी। आयोजन की तिथि घोषित होने के बाद इस पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा।

चित्र-19 असलम महबूब, सदस्य प्रशासनिक समिति (सीईपीसी)

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भदोही में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कालीन मेला उद्यमियों का सपना था। वाराणसी, दिल्ली व जर्मनी सहित अन्य देशों में आयोजित मेलों में भागीदारी से वंचित निर्यातकों के लिए यह सोने पर सुहागा साबित होगा। परिषद को इसके लिए अलग से व्यवस्था करनी चाहिए।

चित्र-20 उमेश गुप्ता मुन्ना, पूर्व प्रशासनिक सदस्य (सीईपीसी)


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