सर बताएं, यात्रियों के लिए कितना लाभकारी होगा रेलवे का निजीकरण
- बच्चे दिल के बेहद सच्चे होते हैं। इन्हें जिस रूप में ढालेंगे ढल जाएंगे। ऐसे में माता-पिता श्ि
- बच्चे दिल के बेहद सच्चे होते हैं। इन्हें जिस रूप में ढालेंगे ढल जाएंगे। ऐसे में माता-पिता, शिक्षक से लेकर हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि उन्हें ऐसी दिशा में ले जाएं जिससे वह देश व समाज के लिए एक योग्य नागरिक बन सकें। इसी मकसद के साथ दैनिक जागरण के बाल संवाद कार्यक्रम के जरिए सहायक रेल परिचालन व क्षेत्रीय प्रबंधक वाराणसी प्रतीक श्रीवास्तव से बच्चों ने सीधा संवाद किया। प्रस्तुत है श्रृंखला की नौंवी कड़ी।
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सवाल : सरकार रेलवे का निजीकरण करने की योजना बना रही है। यह रेलवे के लिए कितना लाभदायक साबित होगा।
- खुशी मौर्या, ग्रीनव्यू पब्लिक स्कूल, भदोही
जवाब : बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकार तमाम उपक्रम कर रही हैं। निजीकरण के जरिए यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है। इससे रेलवे को कितना लाभ मिलेगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। सरकार जो भी निर्णय लेती है, सोच समझकर लेती है।
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सवाल : आम दिनों में वेटिग की समस्या बढ़ जाती है। वेटिग वालों को सीट नहीं मिलती। इस समस्या से निबटने की क्या योजना है।
- अस्मिधा यादव, वुडवर्ड पब्लिक स्कूल, भदोही
जवाब : रेलवे द्वारा बड़ी संख्या में ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। बावजूद इसके वेटिग की समस्या बनी रहती है। आरक्षण केंद्र पर पहले से ही यात्रियों को बताया जाता है कि वेटिग है। बावजूद इसके लोग टिकट खरीद लेते हैं। वैसे अधिक वेटिग होने पर रेलवे द्वारा अतिरिक्त डिब्बे लगाने का प्रविधान है लेकिन यह विशेष परिस्थिति में होता है।
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सवाल : लाकडाउन के समय से बंद ट्रेनों का नियमित परिचालन न होने से यात्रियों को समस्या हो रही है। कब होगा नियमित परिचालन।
- अमित कुमार सिंह, वुडवर्ड पब्लिक स्कूल भदोही।
जवाब : कोरोना संक्रमण बड़ी महामारी साबित हो रही है। इसे नियंत्रित करना सरकार की प्राथमिकता है। अभी संक्रमण जारी है। ऐसे में सभी ट्रेनों का परिचालन करना जल्द संभव नहीं है। सारी ट्रेन एक साथ चलाने से समस्या बढ़ सकती है। स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। नवरात्र व छठ पर्व पर 150 ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया था। हालात में सुधार के बाद ही सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा।
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सवाल : तमाम दावे के बाद भी ट्रेनों के लेट होने की समस्या बनी हुई है। इसे लेकर क्या हो रहे उपाय।
-- मो. मुदस्सिर, वुडवर्ड पब्लिक स्कूल भदोही
जवाब : ट्रेनों के लेट होने के कई कारण है। परिचालन संबंधी कोई समस्या नहीं है। पहले की अपेक्षा अब ट्रेनें कम लेट होती हैं। जाड़े के समय कोहरा भी बड़ा कारण बनता है। इसमें रेलवे चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता। मौजूदा समय में अधिकतर ट्रेनें सही समय पर चल रही हैं। विशेष परिस्थिति में कभी कभी लेट हो जाती है।
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सवाल : यात्रा के दौरान कोई यात्री कोरोना पाजीटिव हो गया तो उसके लिए रेलवे के पास क्या व्यवस्था है।
- शौर्य दुबे, वुडवर्ड पब्लिक स्कूल भदोही
जवाब : पहली बात तो यह है कि किसी भी पाजीटिव यात्री को रेलयात्रा की अनुमति नहीं है। बड़े स्टेशनों पर आज भी यात्रा शुरू करने के पहले जांच होती है। बीमारी के लक्षण मिलने के बाद उन्हें यात्रा से रोक दिया जाता है। इसके बाद भी यात्रा के दौरान किसी का पाजीटिव होना संज्ञान में आने पर रेलवे का मेडिकल सिस्टम सक्रिय हो जाता है। ट्रेन में ही यात्री को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद उसे स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में दे दिया जाएगा।
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सवाल : पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन न होने से बड़ी संख्या में लोग यात्रा से वंचित हो रहे हैं। एक्सप्रेस ट्रेनों में आरक्षण कराना मुश्किल हो रहा है।
-आरूबा फातिमा, ग्रीनव्यू पब्लिक स्कूल, भदोही
जवाब : सवारी ट्रेनों में बहुत अधिक भीड़ होती है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए संचालन में जल्दबाजी करना ठीक नहीं है। रेलवे कोई भी जोखिम मोल लेने की स्थिति में नहीं है। जहां तक यात्रा का सवाल है इसके लिए आरक्षण की सुविधा उपलब्ध है। ट्रेनों के ठहराव वाले स्टेशनों के लिए आरक्षण सुविधा दी जा रही है। निर्धारित समय के अंदर आरक्षण कराना जरूरी है।
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सवाल : ट्रेन हादसे की स्थिति में रेलवे क्या व्यवस्था करता है। घायल यात्रियों व मरने वाले के परिवार को क्या लाभ मिलता है।
- मो. कैफ सिद्दीकी, ग्रीनव्यू पब्लिक स्कूल, भदोही
जवाब : पिछले साल ट्रेन हादसा शून्य था। इसकी रोकथाम के लिए रेलवे पहले से तकनीकी तौर पर काफी मजबूत हुआ है। बावजूद इसके हर मंडल व बड़े स्टेशनों पर एफटीआरटी नामक ट्रेन होती है। जैसे ही दुर्घटना की सूचना मिलती है राहत व बचाव के लिए घटनास्थल पर भेजी जाती है। उसमें तमाम मेडिकल सुविधाएं होती हैं। घायलों का बेहतर उपचार सुनिश्चित किया जाता है। मृतकों के परिजनों को मुआवजे का प्रविधान है।
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सवाल : कोरोना काल में रेलवे कितनी सावधानी व सतर्कता बरत रही है। यात्रियों के बचाव का क्या इंतजाम है।
- सिद्धी जायसवाल, ग्रीनव्यू पब्लिक स्कूल भदोही
जवाब : पूर्व में ठहराव वाले सभी स्टेशनों पर थर्मल स्क्रीनिग की व्यवस्था थी। अब बड़े स्टेशनों पर सैनिटाइज करने व थर्मल स्क्रीनिग की जाती है। जिस स्टेशन से ट्रेन चलती हैं वहां विशेष सावधानी बरती जाती है। किसी भी ट्रेन के आने के बाद उसे पूरी तरह सैनिटाइज किया जाता है। रवाना होने व यात्रियों को सवार होने के पहले भी भी सैनिटाइज करने की व्यवस्था है।
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