जलाशयों में उड़ने लगी धूल, पानी को तरस रहे पशु पक्षी
जागरण संवाददाता, भदोही : इसे प्रशासन की उदासीनता कहा जाए अथवा संवेदनहीनता की पराकाष्ठा। प्रचंड गर
जागरण संवाददाता, भदोही : इसे प्रशासन की उदासीनता कहा जाए अथवा संवेदनहीनता की पराकाष्ठा। प्रचंड गर्मी के बीच जलाशयों में धूल उड़ने लगी है तथा पानी के लिए मानव के साथ साथ पशु पक्षी भी बेहाल हैं लेकिन प्रशासन अथवा जनप्रतिनिधियों पर कोई प्रभाव नहीं है। इसे लेकर लोगों में व्यापक रोष है।
गर्मी की शुरुआत में ही शासन के आदेशानुसार जल संसाधनों को चाक चौबंद करने की व्यवस्था में प्रशासन जुट जाता है। हैंडपंपों का रीबोर कराने तथा नलकूपों को दुरुस्त कराने की कवायद शुरू की जाती है। इस बार भी आला अधिकारियों द्वारा बैठक कर रणनीति बनाई गई थी लेकिन संबंधित विभाग द्वारा इस दिशा में गंभीरता का परिचय नहीं दिया गया। परिणामस्वरूप शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक पानी के लिए हाहाकार मचा है। विडंबना तो यह है कि जलाशयों में धूल उड़ने लगी है लेकिन जलभराव को लेकर प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है। इसके चलते पशु पक्षियों के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। अधिकतर तालाब सूखकर कांटा हो चुके हैं तो छोटे मोटे गड़हे, नालों व नालियों में भी पानी का अभाव है। रजवाहों में धूल उड़ रही है। उधर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि भी मौनी बाबा बने हैं। विडंबना तो यह है कि विभिन्न कार्यक्रमों मे किसानों व पशु पालकों के प्रति प्रेम भाव प्रदर्शित करने वाले भी गंभीर समस्या की अनदेखी कर रहे हैं जो ¨चता का विषय है। पशु पालकों व किसानों का कहना है कि गर्मी की प्रचंडता को देखते हुए प्रशासन को जलाशयों को भरवाने तथा नहरों में पानी छोड़वाने की व्यवस्था करनी चाहिए। किसान मनीष मौर्या, राधेश्याम यादव, रवि पाल आदि का कहना है कि जलाशयों में पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो पशु पक्षी बिन पानी दम तोड़ते नजर आएंगे।